जम्मू-कश्मीर: घाटी की बदल रही फिजा, आतंकवाद की वजह से बंद पड़ा मंदिर 31 साल बाद खुला

लंबे समय से आतंकवाद से पीड़ित जम्मू-कश्मीर के हालात अब बदलने लगे हैं। आतंकवाद और हिन्दुओं के पलायन की वजह से बंद श्रीनगर में एक मंदिर का पट 31 साल बाद बसंद पंचमी के शुभ अवसर पर मंगलवार को खुला। इस मौके पर भक्तों ने पूजा-याचना की। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मंगलवार को बसंत पंचमी के मौके पर श्रीनगर के हब्बा कादल में 31 साल बाद शीतल नाथ मंदिर खोला गया। इस दौरान मंदिर में भक्तों के द्वारा विशेष पूजा का आयोजन भी किया गया। 

मंदिर में पूजा-अर्चना करने आए एक भक्त संतोष राजदान ने कहा कि उन्हें मंदिर को फिर से खोलने के लिए स्थानीय लोगों से विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के लोगों का भारी समर्थन मिला। उन्होंने कहा, ‘शीतल नाथ मंदिर 31 साल बाद फिर से खुल गया। लोग यहां पूजा-अर्चना करने आते थे, लेकिन आतंकवाद के कारण इसे बंद कर दिया गया था। मंदिर के पास रहने वाले हिंदू भी चले गए थे। ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हमारी मदद की।’

शीतल नाथ मंदिर में पूजा के आयोजकों में से एक रविंदर राजदान ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस पहल में हमें बहुत आवश्यक सहयोग प्रदान किया और वे भी मंदिर की सफाई के लिए आगे आए। उन्होंने कहा, ‘हमारे मुस्लिम भाई और बहनों ने पूजा के सामान लाए। हम हर साल इस पूजा को करते थे। बाबा शीतल नाथ भैरव की जयंती बसंत पचमी को पड़ती है, यही कारण है कि हम इस दिन को धूमधाम से मनाते हैं।’

गौरतलब है कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी हिंसा के मामलों और पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है। आर्टिकलल 370 को खत्म करने के साथ ही जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया था।

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