यदि आपका बच्चा जन्म से पैर का दिव्यांग पैदा होता है तो अब आपको चिंता करने की जरूरत नही है

जौनपुर। यदि आपका बच्चा जन्म से पैर का दिव्यांग पैदा होता है तो अब आपको चिंता करने की जरूरत नही है। वह मात्र आठ सप्ताह के भीतर पूरी तरह से स्वस्थ्य हो जायेगा, बच्चे के इलाज में एक पैसा भी खर्च नही होगा। यह सुविधा मिल रही है जिला अस्पताल में।
इस अस्पताल के डाक्टर अवनीश सिंह अभी हर शुक्रवार को ऐसे बच्चो का इलाज करना शुरू किया है। डा0 अवनीश का दावा है कि जन्म से डेढ़ वर्ष के आयु वाले बच्चों का इलाज सम्भव है। ऐसे अधिकांश बच्चो का इलाज प्लास्टर के माध्यम से किया जाता है जरूरत पड़ने पर मामूली आपरेशन किया जाता है।

डा0 अवनीश सिंह ने बताया कि क्लब फुट के उपचार के लिए स्ट्रेचिंग और कास्टिंग (पोंसेटी मेथड) पोंसेटी मेथड के रूप में जानी जाने वाली यह तकनीक आजकल क्लब फुट के इलाज का मुख्य उपचार है। इसमें धीरे-धीरे आपके बच्चे के पैर को बेहतर स्थिति में लाना शामिल होता है, फिर इस पर एक प्लास्टर चढ़ा दिया जाता है, जिसे कास्ट कहा जाता है। यह हर सप्ताह 5 से 8 सप्ताह तक के लिए दोहराया जाता है। आखिरी कास्ट पूरा होने के बाद, अधिकांश बच्चों को अपने टखने (एचिलीस टेंडन) के पीछे के टेंडन को ढीला करने के लिए एक मामूली ऑपरेशन की आवश्यकता होती है। यह लोकल एनेस्थेटिक का उपयोग करके किया जाता है। यह बच्चे के पैर को और अधिक प्राकृतिक स्थिति में लाने में मदद करता है। क्लब फुट का हिंदी में अर्थ है – जन्म से पैर अंदर की ओर मुड़ा होना। इसे टेलिप्स (talipes) भी कहा जाता है। यह जन्म दोष एक या दोनों पैरों को प्रभावित कर सकता है। जल्दी उपचार से इसे सही करने में मदद मिलती है। डॉक्टर आमतौर पर बिना सर्जरी के क्लब फुट का इलाज कर सकते हैं, हालांकि कभी-कभी बच्चों को सर्जरी की आवश्यकता होती है। यदि आपके बच्चे को क्लब फुट है, तो उसका एक या दोनों पैर नीचे की तरफ और अंदर की और मुड़े हुए होते हैं। क्लब फुट बच्चों के लिए दर्दनाक नहीं है, लेकिन अगर इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो यह दर्दनाक हो सकता है और जब वे बड़े होते हैं तो उनका चलना मुश्किल हो जाता है।

क्लब फुट काफी आम है। भारत में इस पर आंकड़े नहीं हैं लेकिन इंग्लैंड में हर 1,000 में लगभग 1 बच्चा क्लब फुट से प्रभावित होता है। इन बच्चों में से लगभग आधे बच्चों में दोनों पैर प्रभावित होते हैं।

डॉ अवनीश सिंह ग्राम गरोठन जिला जौनपुर के मूल निवासी भी है डॉ अवनीश सिंह अब तक लगभग ऐसे 300 बच्चों का ऑपरेशन करके उन्हें ठीक कर चुके है । उन्हें SGPGI में सम्मानित भी किया गया है, वे SGPGI में बतौर ऑर्थोसर्जन भी अपनी सेवाएं दे चुके है । ऐसे ऑपरेशन के लिए पहले लोगो महानगरों में जाना पड़ता हैं, ओर बड़ा खर्च भी वहन करना पड़ता हैं । टेढ़े मेढे पैर का ऑपरेशन डॉ अवनीश सिंह ,ऑर्थोसर्जन , जिला अस्पताल जौनपुर में निःशुल्क किया जा रहा है । ऑपरेशन के पश्चात उक्त बच्चों को निशुल्क shoes भी मिलता है।

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