सुप्रभात

जिन्हें फ़िक़र थी कल की
वे रोए रात भर,
जिन्हें यकीन था रब पर
वे सोए रात भर…!!
भलाई करते रहिए,
बहते पानी की तरह,
बुराई खुद ही किनारे लग जाएगी
कचरे की तरह…!!! सुप्रभात

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