Alok Verma : JaunPur
जौनपुर। तक़रीबन तीन साल से शाहगंज तहसील क्षेत्र में आतंक का पर्याय बना चर्चित भूमाफिया आज जेल की सलाखों के पीछे चला गया।जौनपुर के नटवरलाल के नाम से मशहूर इस भूमाफिया ने 84 लोगों की जमीनों पर कब्ज़ा कर रखा था।पैसे और सियासी रसूख के दम पर उसने ऐसी धमक बना रखी थी कि कोई भी पीड़ित उसके ख़िलाफ़ शिकायत करने से भी डरता था।
शाहगंज तहसील क्षेत्र के पारा कमाल गांव का निवासी नैयर आलम चार साल पहले सऊदी अरब से करोड़ों रुपये गबन करके आया।शुरुआती कुछ महीने उसने सामाजिक कार्यों में जमकर पैसे खर्च किये और खुद को समाजसेवी घोषित कर दिया।फिर धीरे धीरे उसकी बाज नज़र इलाके की कीमती ज़मीनों पर पड़ी।नैयर आलम ने एक शातिर रणनीति बनाई।वो कीमती ज़मीनों का एक छोटा टुकड़ा खरीद लेता।फिर पूरी ज़मीन पर दावा करता।भू स्वामी को फर्जी मुक्फमे में फंसाता और अंत मे सुलह समझौते के नाम पर मोटी रकम ऐंठता या औने पौने दाम पर ज़मीन ले लेता।
इस काम मे लोकल पुलिस और प्रशासन भी उसकी भरपूर मदद कर रहा था।उसका हौसला बढ़ा तो उसने फर्जी कागजात बनवा कर लोगों की ज़मीन पर कब्ज़ा करना शुरू कर दिया।कहते हैं पाप का घड़ा एक दिन भरता ज़रूर है।शाहगंज क्षेत्र के 84 लोग इस भू माफिया से पीड़ित थे।पिछले दिनों एक पीड़ित ने हिम्मत दिखाई और फर्जी कागजों का सुबूत प्रशासन को दिया।
आला अधिकारियों के निर्देश पर लाइन बाजार थाने में गम्भीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ।बुधवार की रात मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।गुरुवार को उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।पुलिस की इस कार्यवाही से पीड़ितों में खुशी की लहर है।लोगों ने इस भू माफिया पर गैंगेस्टर ऐक्ट के तहत कारवाही करने की मांग की है।भू माफिया की गिरफ्तारी के बाद क्षेत्र के पारा कमाल , अरंड , उसरहटा , बारां कला के उसके सहयोगी भी भूमिगत हो गए हैं