बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन से उत्साहित एआईएमआईएम के अध्यक्ष एवं लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी से जब पूछा गया कि क्या बसपा प्रमुख मायावती भी ‘भागीदारी संकल्प मोर्चा’ का हिस्सा होंगी, इस पर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि भविष्य में क्या होगा, लेकिन मैं इतना जानता हूं कि मैं भागीदारी संकल्प मोर्चा का हिस्सा हूं और हम इसे आगे ले जाएंगे, और देखेंगे कि भविष्य में क्या होता है।
उन्होंने कहा कि हमने पांच साल पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा था, हालांकि हमें कोई सफलता नहीं मिली थी। फिर हमने नगर निगम चुनाव लड़ा था, हम यहां लगातार काम कर रहे हैं। आपको बतादें कि ओवैसी ने कहा है कि वह सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर द्वारा गठित ‘भागीदारी संकल्प मोर्चा’ के साथ रहेंगे।
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख ओवैसी ने एजेंसी से बातचीत में कहा कि हम अब राजभर के मोर्चा का हिस्सा हैं। आज मैं उनसे मिला हूं, हम उनके साथ जाएंगे। भागीदारी संकल्प मोर्चा’ का गठन पहले ही किया गया था, हम उनके साथ रहेंगे। उन्होंने कहा कि राजभर की पार्टी ने हाल ही में हुये बिहार विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम उम्मीदवारों की जीत में भूमिका निभाई थी।
इससे पूर्व ओवैसी ने बुधवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष राजभर से यहां मुलाकात की। राजभर से मुलाकात के बाद ओवैसी ने पत्रकारों से कहा कि बिहार में हमने जो बेहतर प्रदर्शन किया है, उसमें ओम प्रकाश राजभर का भी सहयोग है। हम ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर एलायंस का हिस्सा थे। हमको तो बिहार की सफलता के बाद हौसला मिला है और उस कामयाबी के सिलसिले को जारी रखेंगे। बिहार में हाल में ही विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम को पांच सीटें मिली थी।
उनसे पूछा गया था कि तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आरोप है कि वह पैसे लेकर मुस्लिम वोटों का बंटवारा करते है, इस पर ओवैसी ने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी जी प्रधानमंत्री थे तो ममता राजग का हिस्सा रही। गुजरात में इतना बड़ा फसाद हुआ। अब ममता बनर्जी यह कह रही हैं तो अब तक उनका सामना ‘मीर जाफर’ औैर ‘मीर सादिक’ जैसे लोगों से पड़ा है। उनका एक सच्चे मुसलमान से सामना नहीं हुआ है, वह हो जाएगा।
ओवैसी से मुलाकात के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने कहा, ”हमने एक साल पहले भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन किया था और हम 2022 का विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ेंगे। कल तक लोग कहते थे कि ओपी राजभर अकेला है और वह क्या कर लेगा? अब जब ओवैसी आये है तो लोगों को परेशानी क्यों हो रही है।
राजभर से पूछा गया कि क्या भाजपा का मुकाबला करने के लिये वह ओवैसी के साथ आ रहे हैं तो इस पर भाजपा के पूर्व सहयोगी राजभर ने कहा कि हमने मोर्चा चुनाव जीतने के लिये बनाया है और हम शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मुद्दे पर चुनाव लड़ेंगे। उनसे पूछा गया कि ऐसा कहा जाता है कि ओवैसी की पार्टी वोट कटवा है, इस पर राजभर ने कहा कि हम चाहते हैं कि ओवैसी जी अपने समुदाय का वोट काटें, राजभर अपने समुदाय का वोट काटें, अपना दल की कृष्णा पटेल अपने समुदाय का वोट काटें। यह सारे वोट एकजुट हो जाये और हम चुनाव जीत जाएंगे।
उन्होंने कहा कि भागीदारी संकल्प मोर्चा के बैनर के तले सभी दल मिलकर एक साथ 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। भागीदारी संकल्प मोर्चा में राजभर की एसबीएसपी के अलावा बसपा के पूर्व नेता बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी, बाबू राम पाल की राष्ट्रीय उदय पार्टी, अनिल सिंह चौहान की जनता क्रांति पार्टी और प्रेमचन्द प्रजापति की राष्ट्रीय उपेक्षित समाज पार्टी शामिल हैं। राजभर से पूछा गया कि एआईएमआईएम को भाजपा की ‘बी टीम’ कहा जाता है तो उन्होंने कहा कि अगर आप उत्तर प्रदेश में देखेंगे तो ‘बी टीम’ समाजवादी पार्टी (सपा) है, ‘सी टीम’ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) है और ‘डी टीम’ कांग्रेस पार्टी है। हम 2022 में उत्तर प्रदेश में सरकार बनायेंगे, सच्चाई यह है कि सपा, बसपा और कांग्रेस किसी में कुव्वत नहीं है कि वह चुनाव में अकेले जा सकें। आज भाजपा एक ताकतवर पार्टी है और बिना किसी मोर्चे के कोई अन्य दल आगे नहीं बढ़ सकता है। आम आदमी पार्टी (आप) ने भी मंगलवार को उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।