IIआज का पंचांग एवं ग्रहों की स्थितिII
Alok Vajpeyee (Astrologer),
यं ब्रह्मा वरुणेन्द्ररुद्रमरुत: स्तुन्वन्ति दिव्यै: स्तवै-
र्वेदै: साङ्गपदक्रमोपनिषदैर्गायन्ति यं सामगा:।
ध्यानावस्थिततद्गतेन मनसा पश्यन्ति यं योगिनो-
यस्तानं न विदु: सुरासुरगणा देवाय तस्मै नम:।।
अर्थात-: ब्रह्मा, वरुण, इन्द्र, रुद्र और मरुद्गण दिव्य स्तोत्रों द्वारा जिनकी स्तुति करते हैं, सामवेद के गाने वाले अंग, पद, क्रम और उपनिषदों के सहित वेदों द्वारा जिनका गान करते हैं, योगीजन ध्यान में स्थित तद्गत हुए मन से जिनका दर्शन करते हैं, देवता और असुर गण (कोई भी) जिनके अन्त को नहीं जानते, उन (परमपुरुष नारायण) देव के लिए मेरा नमस्कार है।
IIआज का पंचांग एवं
श्री गणेशाय नमः, जय श्री कृष्ण
सब सुखी व स्वस्थ रहें
विक्रम संवत 2081
संवत्सर नाम -: कालयुक्त
संवत्सर राजा-: मंगल
संवत्सर मंत्री-: शनि
सूर्य उत्तरायण, ऋतु-: वसंत
सूर्य उदय : प्रातः 6/20
सूर्य अस्त : सायं 6/33
चैत्र मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि
अंग्रेजी दिनांक-: 29/3/2025
दिन-: शनिवार
चंद्रमा-: मीन राशि में
राशि स्वामी-: गुरु
आज का नक्षत्र-: उत्तर भाद्रपद सायं 7/27 तक उसके बाद रेवती
नक्षत्र स्वामी – : शनि/बुद्ध
️ चंद्रमा का नक्षत्र प्रवेश:
प्रात: 8/49 से उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 3 में
दोपहर 2/08 से उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 4 में
सायं 7/27 से रेवती नक्षत्र चरण 1 में
रात्रि 12/44 से रेवती नक्षत्र चरण 2 में
योग -: रात्रि 10/03 तक ब्रम्ह-: ज्योतिष में एक शुभ योग माना जाता है, जो उच्च शिक्षा, ज्ञान, धन, यात्रा और संतान के लिए अनुकूल माना जाता है.
आज के मुख्य पर्व
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शनिवारी अमावस -: जब अमावस्या (नई चंद्रमा की तिथि) शनिवार को आती है, तब इसे शनि अमावस्या कहा जाता है.
आज पितरों की आत्मा की शांति और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दीपदान, तर्पण और उनके निमित्त पूजा की जा सकती है।
यह दिन शनि देव की पूजा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है, जिन्हें कर्म, अनुशासन, संघर्ष और जीवन की संरचना का प्रतीक माना जाता है. इस दिन भगवान शिव और हनुमान जी की Rohit Kumar आराधना करना भी शुभ माना जाता है.
विक्रम संवत 2081 पूर्ण
पंचक जारी हैं
आज की शुभ दिशा -: दक्षिण,पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम
दिशा शूल -: पूर्व दिशा की ओर यात्रा करने से बचें, अति आवश्यक होने पर अदरक और उड़द खाकर प्रस्थान करें
आज की ग्रह स्थिति -:
सूर्य -: मीन राशि उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी शनि)
मंगल (वक्री) -: मिथुन राशि पुनर्वसु नक्षत्र चरण 3 में (नक्षत्र स्वामी गुरु)
बुद्ध (वक्री) -: मीन राशि उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 1 में (नक्षत्र स्वामी शनि)
गुरु -: वृष राशि रोहिणी नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी चंद्र)
शुक्र (वक्री) -: मीन राशि उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 3 में (नक्षत्र स्वामी शनि)
शनि -: कुंभ राशि पूर्व भाद्रपद नक्षत्र चरण 3 में (नक्षत्र स्वामी गुरू) रात्रि 9/44 से चरण 4 मीन राशि में
राहु-: मीन राशि पूर्व भाद्रपद नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी शनि)
केतु-: कन्या राशि उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र चरण 2 में (नक्षत्र स्वामी सूर्य)
राहु काल -: प्रात: 9/00 से 10/00 बजे तक कोई शुभ या नया कार्य न करें
दैनिक लग्न सारणी -:
प्रात: 5/37 तक कुंभ
8/02 तक मीन
8/38 तक मेष
10/33 तक वृष
दोपहर 12/47 तक मिथुन
3/07 तक कर्क
सायं 5/25 तक सिंह
रात्रि 7/41 तक कन्या
10/00 तक तुला
12/19 तक वृश्चिक
2/24 तक धनु
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जय जय श्री राधे