अगर “जिंदगी” को “कामयाब”
बनाना हो तो याद रखें,
“पाँव” भले ही “फिसल” जाये
पर “जुबान” को
कभी मत फिसलने देना..
मनुष्य का असली चरित्र तब सामने आता है..?
जब वो नशे में होता है!
फिर नशा चाहे धन का हो, पद का हो
रूप का हो या शराब का !!
🙏शुभ प्रभात🙏
अगर “जिंदगी” को “कामयाब”
बनाना हो तो याद रखें,
“पाँव” भले ही “फिसल” जाये
पर “जुबान” को
कभी मत फिसलने देना..
मनुष्य का असली चरित्र तब सामने आता है..?
जब वो नशे में होता है!
फिर नशा चाहे धन का हो, पद का हो
रूप का हो या शराब का !!
🙏शुभ प्रभात🙏