हाथरस पीड़िता के माता-पिता की तबीयत बिगड़ी, मां को भेजा अस्पताल

उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड की पीड़िता के माता-पिता की तबियत मंगलवार को अचानक बिगड़ गई। सूचना पर गांव पहुंची स्वास्थ विभाग के डॉक्टर्स ने पीड़िता की मां को परिवार के दो सदस्य के साथ अस्पताल भेज दिया है जबकि पिता ने खराब तबियत के बावजूद अस्पताल जाने से मना कर दिया। इसकी सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग से खुद सीएमओ पीड़िता के गांव रवाना हो गए है। उन्होंने कहा कि वह खुद जाकर पीड़ि‍ता के पिता को अस्पताल में इलाज के लिए मनाएंगे।

मंगलवार सुबह सीएमओ बृजेश राठौड़ ने कहा कि सूचना मिली है कि पीड़िता के पिता बीमार हैं। उनका ब्लड प्रेशर अचनाक हाई हो गया है। सीएमओ ने बताया कि पीड़िता के पिता अस्पताल जाने को तैयार नहीं हैं, कह रहे हैं कुछ और दिक्कतें भी हैं। उन्होंने बोला कि हम गांव जा रहे हैं गांव पहुंचकर मैं खुद उनसे बात करूंगा। सीएमओ ने कहा कि जो इलाज कर पाएंगे करेंगे, अगर जरूरी हुआ तो अस्पताल लेकर जाएंगे।

दूसरी तरफ केस की जांच के लिए सीबीआई की टीम मंगलवार दोपहर घटनास्थल का दौरा करने पहुंच गई है। सीबीआई के साथ फॉरेंसिक टीम भी घटनास्थल का मुआयना करने आई है। सीबीआई के आने से पहले हाथरस पुलिस ने घटनास्‍थल को अपने घेरे में ले लिया है। बहरहाल मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है और आम लोगों को घटनास्‍थल पर नहीं जाने दिया जा रहा है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सोमवार को हाथरस कांड की पीड़िता के परिजन और सरकार के अधिकारी हाजिर हुए। परिजनों और अधिकारियों ने कोर्ट में अपना-अपना पक्ष रखा। सुनवाई में अपर मुख्य सचिव गृह, डीजीपी, एडीजी कानून व्यवस्था, डीएम तथा एसपी हाथरस भी पेश हुए। डीएम की ओर से कहा गया कि प्रदेश सरकार ने पीड़िता के अंतिम संस्कार को लेकर हाथरस प्रशासन को कोई निर्देश नहीं दिया था। अंतिम संस्कार रात में कराने का निर्णय जिला व पुलिस प्रशासन का था। यह निर्णय तात्कालिक कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए किया गया था। वहीं परिजनों ने कहा कि बिना उनकी सहमति के पीड़िता का शव जला दिया गया। 

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