वैश्विक महामारी कोरोना के कारण प्रदेश में चरमराती हुई शिक्षा व्यवस्था चिन्ता का विषय


लखनऊ 24 सितम्बर। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्र नाथ त्रिवेदी ने वैश्विक महामारी कोरोना के कारण प्रदेश में चरमराती हुई शिक्षा व्यवस्था के प्रति चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा है कि अनलॉक के प्रथम चरण से लेकर अब तक स्कूल, कालेज और विश्वविद्यालयों को छोड़कर लगभग सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान फैक्ट्रियाँ, बाजार और पर्यटन स्थलों को भी आवागमन के लिए खोल दिया गया है। इन सभी स्थानों पर सामाजिक दूरी का सर्वथा अभाव देखने को मिल रहा है क्योंकि इस प्रकार के निरीक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है और न ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से जनता को जागरूक ही किया जा रहा है।
श्री त्रिवेदी ने कहा कि स्कूल और कालेज बंद होने से बच्चों की षिक्षा निश्चित रूप से प्रभावित हो रही है तथा यु0पी0 बोर्ड के सरकारी एवं वित्तीय सहायता प्राप्त कालेजों की षिक्षा व्यवस्था पूर्व में भी गुणवत्तापरक नहीं रही है। आॅनलाइन षिक्षण व्यवस्था सरकारी स्कूलों और कालेजों के छात्रों के लिए संतोषजनक नहीं है। स्कूल और कालेजों को सषर्त खोलने की अनुमति दे देना चाहिए क्योंकि इनमें सामाजिक दूरी का निरीक्षण करने के लिए प्रधानाचार्य के साथ अध्यापक, अध्यापिकाएँ और अन्य कर्मचारी भी रहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि बेसिक शिक्षा अधिकारियों और जिला विद्यालय निरीक्षकों के द्वारा कक्षाओं को दो या तीन पालियों में विभाजित करके कक्षाएँ चालू कर दी जाय तो बच्चों का इतना नुकसान न होगा। यद्यपि वर्तमान सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में किसी प्रकार की रुचि नहीं दिखाई। एक भी सत्र में समय से छात्रों को पाठ्य सामग्री उपलब्ध न कराना प्रमाण के लिए काफी है। उन्होंने बताया कि सी.बी.एस.ई. और आई.सी.एस.ई.बोर्डों से प्रतिस्पर्धा के कारण यूपी बोर्ड का कोर्स और परीक्षण व्यवस्था अवश्य तहस नहस कर दी गई जबकि यूपी बोर्ड एशिया में सबसे अच्छा बोर्ड था। वर्तमान महामारी के समय यूपी बोर्ड की कक्षाएँ आनलाईन शिक्षण में अन्य बोर्डों से पिछड़ गईं।
रालोद प्रवक्ता ने कहा हमारे शिक्षकों के अतिरिक्त समाज का प्रबुद्ध वर्ग और सभी अभिभावक इसी मत के रहे हैं कि बच्चों को स्मार्ट फोन से दूर रखा जाए ताकि वे पढ़ने में मन लगा सकें परन्तु समय की करवट ने सब उल्टा कर दिया और प्रत्येक बच्चे को स्मार्ट फोन खरीद कर देना पडा। यद्यपि हमारे बच्चे इस शिक्षण व्यवस्था में समुचित लाभ नहीं ले सके क्योंकि न तो हमारे शिक्षक और न ही शिक्षा अधिकारी तथा अभिभावक एवं बच्चे ही इस व्यवस्था के प्रति जागरूक थे।
श्री त्रिवेदी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से माँग करते हुए कहा कि वे इस सन्दर्भ में भी शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से डूबती हुई शिक्षा व्यवस्था को बचाने का प्रयास करें ताकि बच्चों का भविष्य अन्धकार के गर्त में जाने से बच सके। (सुरेन्द्र नाथ त्रिवेदी) प्रदेश प्रवक्ता

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *