नेपाली नदियों से फिर बढ़ा बाढ़ का खतरा – जानें क्‍यों उठाने पड़े वाल्मीकि नगर बैराज के 36 फाटक

नेपाल के पहाड़ों पर मूसलाधार बारिश होने से गुरुवार को अचानक गंडक नदी में जहां जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा, वहीं भारी मात्रा में सिल्टिंग भी शुरू हो गई। गंडक बैराज पर दवाब बढ़ने ने सभी 36 फाटक खोल दिए गए। इससे वाल्मीकि नगर बैराज पर दवाब कम हुआ है। 

गंडक बैराज के भूमि अधिग्रहण अधिकारी तारा सिंह के अनुसार बुधवार की शाम नदी में जलस्तर 3.10 लाख क्यूसेक क्यूसेक प्रति सेकंड तक पहुंच गया। इससे बैराज पर अचानक दवाब बढ़ गया। इसके बाद  बैराज के 36 फाटक खोल दिए गए। हालांकि निर्माण के समय गंडक बैराज की क्षमता 7 लाख क्यूसेक जलस्तर प्रति सेकंड थी। लेकिन अब इसे केवल 4 से 5 लाख क्यूसेक प्रति सेकंड ले जाने का अनुमान है। 

जिला प्रशासन कार्यालय, पश्चिम नवलपरासी ने गंडक कमान के स्थानीय लोगों से नदी में बढ़ते जल स्तर के बाद सतर्कता बरतने का आग्रह किया है। वर्तमान में नारायणी नदी का जलस्तर 8.7 मीटर है। नारायणी नदी में 8 मीटर तक पहुंचने के बाद इसे खतरे का सूचक माना जाता है। जबकि गंडक नदी के विशेषज्ञों का कहना है कि जब नदी में भारी मात्रा में सिल्टिंग के साथ जलस्तर बढ़ने लगता है, तब ऐसी स्थिति में सभी फाटक खोलना जरूरी होता है। इससे सिल्ट व पानी दोनों नीचे की ओर खारिज हो जाता है और बैराज पर दवाब कम हो जाता है।

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