दिल्ली सरकार ने राजधानी के सभी स्कूलों को सप्ताह में एक बार ‘ड्राई डे’ मनाने का निर्देश दिया है। इस दौरान मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए कूलर, फूलदान, पक्षियों के बर्तन, पानी की टंकियों, जमा हुए पानी और अन्य संभावित स्थानों की अच्छी तरह से जांच करनी होगी।
यह कदम डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों के खिलाफ स्कूली छात्रों के लिए जागरूकता अभियान का हिस्सा है। बारिश का मौसम मच्छर जनित रोगों जैसे डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के लिए सबसे अधिक अनुकूल है जो हर साल इस समय के दौरान फैलते हैं। ये सभी मच्छर जनित बीमारियां हैं और कभी-कभी बचाव के उपाय नहीं किए जाने पर ये महामारी का रूप ले लेते हैं।
शिक्षा निदेशालय (DoE) ने स्कूलों के प्रिंसिपल्स को लिखे एक पत्र में कहा है कि किसी भी बीमारी को नियंत्रित करने के लिए रोकथाम सबसे अच्छा उपाय है। महामारी को नियंत्रित करने और रोकने के लिए मच्छरों के प्रजनन को रोकना आवश्यक है और छात्रों को इसके बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
वर्तमान में फैल रही COVID-19 महामारी को देखते हुए सभी स्कूल छात्रों के लिए बंद कर दिए गए हैं और इसलिए सभी स्कूलों के प्रमुखों को सोशल मीडिया की सुविधाओं का उपयोग करने के लिए निर्देश दिया है और छात्रों को घर पर इनका पालन करने के निर्देश देने के लिए सामूहिक संदेश दिया है।
पूरी बाजू वाले कपड़े पहनना, घरों में मच्छरों के प्रवेश को रोकने के लिए दरवाजों और खिड़कियों पर तार की जाली लगाना, मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए सभी पानी की टंकियों और कंटेनरों को अच्छी तरह से ढंकने वाले ढक्कन के साथ कवर करना, जागरूकता अभियान में शामिल किए गए उपायों में से हैं।
शिक्षा निदेशालय ने कहा कि सभी स्कूलों को सप्ताह में एक बार ड्राई डे का पालन (अंतिम कार्य दिवस पर) करना होगा, जिसके दौरान कूलर, फूलदान, पक्षियों के बर्तन, पानी की टंकियां, किसी भी तरह के कबाड़, जमा पानी और अन्य संभावित प्रजनन स्थलों की पूरी जांच की जाए ताकि मच्छर प्रजनन के लिए कोई संभावना न हो।
इसके साथ ही सभी स्कूलों को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए भी निर्देश दिया गया है जो मच्छर जनित रोगों की रोकथाम और नियंत्रण से संबंधित सभी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार होगा और किए जा रहे कार्यों की निगरानी करेगा।