पशुधन फर्जीवाड़े में राज्यमंत्री जय प्रकाश निषाद के निजी प्रधान सचिव रजनीश दीक्षित के सचिवालय स्थित कमरे में रखी आलमारी पुलिस ने गुरुवार को खंगाली। रजनीश के दफ्तर में करीब दो घंटे तक पुलिस ने हर दस्तावेज देखे। इस आलमारी में कई विभागों की मोहरें, दस्तावेज व एक डायरी मिली। इस डायरी में कई मोबाइल नम्बरों के अलावा कुछ विभागों में हुए पत्राचार का ब्योरा था। इसके अलावा भी डायरी से पुलिस को कई जरूरी जानकारी मिली है।
पशुपालन विभाग में आटे की सप्लाई के नाम पर इंदौर के व्यापारी मंजीत भाटिया को सचिवालय में पशुधन राज्य मंत्री के निजी सचिव रजनीश दीक्षित के कमरे में बुलाकर फर्जीवाड़ा किया गया था। यहीं पर मुख्य आरोपी आशीष राय ने खुद को उपनिदेशक एसके मित्तल बताकर नौ करोड़ 72 लाख रुपये हड़प लिये थे। इसमें 13 जून को हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर लिखायी गई थी। दूसरे दिन आशीष राय, रजनीश दीक्षित, ललित देव, एके राजीव समेत सात लोग पकड़े गए थे। इस मामले में अब तक 10 गिरफ्तारी हो चुकी है। इसकी पड़ताल में शामिल अधिकारी गुरुवार को अचानक सचिवालय पहुंची। यहां पशुधन राज्यमंत्री के निजी सचिव के कमरे में पुलिस ने तलाशी शुरू की। इस कमरे की आलमारी व मेज में बनी दराजें सील की गई थीं। पुलिस ने सील खुलवा कर आलमारी खंगाली।
पुलिस को आलमारी में करीब 15 मोहरें, 12 अन्य सरकारी विभागों से जुड़े दस्तावेज, कुछ लोगों के फोटो प्रमाण पत्र, बैंकों की फोटो प्रतियां और कुछ प्रवेश पास मिले। यहां एक डायरी भी मिली। विवेचना से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि डायरी से कई सुबूत मिले हैं जो आगे की कार्रवाई में मददगार साबित होंगे।
पुलिस का दावा है कि इस मामले में एक और आरोपी की जल्द ही गिरफ्तारी की जायेगी। इसके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिल गये हैं। उसकी मोबाइल लोकेशन से भी कई बातें साफ हो गई हैं। यह आरोपी फरार है और एक अधिकारी की शह पर अभी तक बचा हुआ है। इस आरोपी को बचाने के लिए कई बड़ों का दबाव एसटीएफ पर भी बनाया गया था। एसटीएफ को ही शासन से इस फर्जीवाड़े की जांच करने को कहा गया था।