केंद्र सरकार ने शिकंजा कसते हुए पुराने निजी व व्यावसायिक चार पहिया वाहनों के लिए जनवरी 2021 से फास्टैग लगाना अनिवार्य कर दिया है। नए साल में पुराने वाहनों का फास्टैग के बगैर फिटनेस प्रणाम पत्र जारी नहीं किया जाएगा। इसके अलावा थर्ड पार्टी बीमा कराने के लिए भी फास्टैग अनिवार्य किया जा रहा है। इसके बगैर कार-ट्रक, बस का बीमा नहीं हो सकेगा।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने तीन सिंतबर को हितधारकों के सुझाव-आपत्ति ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसमें उल्लेख है कि टोल प्लाजा पर नगद के बजाए फास्टैग की मदद से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। इसके तहत पुराने वाहनों यानी दिसंबर 2017 से पहले खरीदे गए निजी-व्यावसायिक चार पहिया वाहनों की विंडस्क्रीन पर आगामी एक जनवरी 2021 के फास्टैग लगाना अनिवार्य होगा।
मालूम हो कि मंत्रालय ने एक दिसंबर 2017 से फास्टैग युक्त नए वाहनों का बिक्री संबंधी अधिसूचना जारी की थी। इसमें वाहन के विंडस्क्रीन पर निर्माता कंपनी अथवा डीलर को फास्टैग लगाना है। इसके अलावा मंत्रालय पुराने वाहनों की थर्ड पार्टी बीमा कराने के नियम भी बदलने जा रहा है। थर्ड पार्टी बीमा तभी होगा जब वैध फास्टैग आईडी सिस्टम में होगा। यह नियम आगामी पहली अप्रैल 2021 से लागू कर दिया जाएगा। वर्तमान में देश में ट्रक, बस, कारों की संख्या 7 करोड़ है, लेकिन फास्टैग दो करोड़ से कम बिके हैं।
फास्टैग सिस्टम को सरकार ने वाहन नामक सॉफ्टवेयर से जोड़ दिया है। इसमें वाहन का नंबर डालते ही वाहन मालिक का नाम, पंजीकरण प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस की जानकारी आदि मोबाइल एप अथवा कंप्यूटर स्क्रीन पर नजर आ जाएगी। सड़क परिवहन के विशेषज्ञ एस.पी. सिंह ने कहा कि वाहन चालक फास्टैग को लेकर फर्जीवाड़ा नहीं कर पाएंगे। टोल कर्मी, एनएचएआई अधिकारी व चालक की मिलीभगत से होने वाली सालाना हजारों करोड़ की टैक्स की चोरी रुकेगी और सरकार का राजस्व बढ़ेगा।