विकास मुठभेड़ : पुलिस का बर्ताव गैंगवार में गिरोह जैसा

पुलिस का बर्ताव गैंगवार में गिरोह जैसा
नयी दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में
दुर्दांत अपराधी विकास दूबे मुठभेड़ मामले में UP सरकार के हलफनामे पर याचिकाकर्ता ने जवाब दाख़िल किया।
याचिका में कहा गया है कि
न्यायिक आयोग का गठन अवैध है,
न विधानसभा की मंजूरी ली,
न अध्यादेश पारित किया गया।

जस्टिस शशिकांत अग्रवाल रिटायर्ड जज नहीं हैं,
उन्होंने इस्तीफा दिया था।

SIT सदस्य IPS रविन्द्र गौड़ 2007 में फ़र्ज़ी मुठभेड़ में शामिल रहे हैं।

पुलिस ने 16 साल के प्रभात मिश्रा का भी एनकाउंटर कर दिया।

विकास के मुठभेड़ की कहानी C ग्रेड फ़िल्म जैसी है, जिसमें बदला लेने पर उतारू पुलिस का बर्ताव गैंगवार में शामिल प्रतिद्वंद्वी गिरोह जैसा है।

सोमवार को SC करेगा सुनवाई।

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