भारत-चीन की सीमा पर पूर्वी लद्दाख में सोमवार की रात हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं। गलवान घाटी में हुई इस घटना में बिहार के पांच जवानों ने देश के लिए अपना बलिदान दिया है। इसमें से एक वैशाली जिले के रहने वाले जय किशोर सिंह भी हैं। जय किशोर मात्र दो साल पहले ही सेना में भर्ती हुए थे। वे सोमवार की रात देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, जय किशोर वैशाली जिले के जंदाहा थाना क्षेत्र के चकफतेह गांव के रहने वाले थे। जय किशोर चार भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। उनके बड़े भाई नंद किशोर भी सेना के जवान हैं जबकि जय किशोर के पिता राज कपूर सिंह किसान हैं। जय किशोर 2018 में सेना में भर्ती हुए थे। इनकी शहादत की खबर सुनकर गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि जय किशोर अविवाहित थे।
भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प में बिहार के जवान देश के खातिर हंसते-हंसते शहीद हो गए। जवानों ने झड़प में अपनी जान की बाजी लगा दी। राज्य के चंचौरा के संजय, भोजपुर के कुंदन ओझा, सहरसा के कुंदन कुमार ने वीरगति प्राप्त की।
वहीं, शहीद जवान कुंदन ओझा मूल रूप से बिहिया थाना क्षेत्र के पहरपुर गांव के रहने वाले रविशंकर ओझा के पुत्र थे। उनका परिवार करीब तीस साल से झारखंड राज्य के साहेबगज में रह रहा है। मंगलवार की शाम बेटे की शहादत की खबर मिलते ही गांव का माहौल गमगीन हो उठा। कुंदन के पैतृक घर में भी कोहराम मच गया। कुंदन अपने पहले बच्चे को देखने से पहले ही शहीद हो गए।
मंगलवार की देर रात भारत-चीन सीमा पर सहरसा जिले की विशनपुर पंचायत के आरण गांव के एक वीर कुंदन कुमार के शहीद होने की सूचना मिली है। सूचना मिलने के बाद गांव के लोग स्तब्ध हैं। परिजनों ने खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि फोन से सूचना मिली है। उसके बाद हर कोई समाचार सुनने के लिए टीवी सहित अन्य श्रोत से जानकारी इकठ्ठे करने में जुट गए।