गलवान घाटी हिंसा पर वाराणसी में प्रदर्शन

लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच पिछले एक माह से चल रहे टकराव ने सोमवार देर रात हिंसक रूप ले लिया। भारतीय सेना के मुताबिक, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ झड़प में भारत के कमांडिंग ऑफिसर (कर्नल) बी संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हो गए। सेना ने बयान में कहा कि भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गलवान इलाके में 15-16 जून की रात झड़प हुई थी।

इस हिंसक झड़प के बाद देश की जनता में काफी आक्रोश है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में विशाल भारत संस्थान के बैनर तले नाराज महिलाओं ने पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया। पोस्टर पर लिखा था- ‘धोखेबाज चीन मुर्दाबाद।‘, ‘हर भारतीय का प्रतिकार, सामान सहित चीन का बहिष्कार’, ‘चीन का पूरा हिसाब किया जायेगा, अब चीन को पक्का जवाब दिया जायेगा’, ‘शहीदों की शहादत बेकार नहीं होगी, चीन की घुसपैठ स्वीकार नहीं होगी’, ‘चीन समर्थकों भारत छोड़ो’, ‘भारत की हर महिला है तैयार, करेगी चीनी सामानों का बहिष्कार’ ।

विशाल भारत संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि भारत की महिलायें घर-गृहस्थी चलाती भी हैं और घर में प्रयोग होने वाले सामानों पर फैसला भी लेती हैं। महिलाओं ने तय किया कि घर की रसोई में, घर में कोई भी सामान चीन का बना हुआ इस्तेमाल नहीं करेंगे। यदि कोई सामान है तो उसकी होली जला देंगे। चीन का पूर्ण बहिष्कार किया जायेगा। चीन को सबक सिखाने के लिए हर हिन्दुस्तानी तैयार है। हम पीछे नहीं हटेंगे और न ही शांति-शांति चिल्लाकर सीमा को खोयेंगे।

मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी ने कहा कि चीन की चालों को बेनकाब करेंगे। सांप छूछूंदर खाने वाले हमारे भारतीय सैनिकों के मनोबल से नहीं टकरा पायेंगे। इस बार चीन की औकात पता चलेगी।

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