दिल्ली हिंसा : साजिश रचने के मामले में खालिद सैफी गिरफ्तार

दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के मामले में क्राइम ब्रांच की स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने खालिद सैफी को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, दिल्ली दंगों के पहले उमर खालिद और ताहिर हुसैन के बीच सैफी ने ही शाहीनबाग में मीटिंग करवाई थी। 8 जनवरी को शाहीनबाग में हुई मीटिंग में उमर खालिद, ताहिर हुसैन और खालिद सैफी शामिल थे।

खालिद सैफी को चांद बाग में हुई हिंसा की साजिश मामले में दबोचा गया है। इस मामले में आम आदमी पार्टी (आप) से निष्कासित ताहिर हुसैन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। खालिद ने ताहिर हुसैन के बीच आपस में हुई बातचीत को भी पुलिस आधार बनाया गया है। ताहिर और सैफी के बीच फोन पर हुई बातचीत के कॉल की जांच करते हुए पुलिस ने यह बताया कि सैफी ही वह शख्स है जिसने उमार खालिद और ताहिर हु़सैन के बीच मीटिंग कराई थी।

क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में उमर खालिद ने कहा था कि जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दिल्ली में होंगे तो कुछ बड़ा करना है। खालिद यूनाइटेड अगेंस्ट हेट नाम का संगठन चलाता है। खास बात यह है कि नार्थ ईस्ट के जगतपुरी दंगों में भी खालिद सैफी गिरफ्तार हो चुका है।

यूनाइटेड अगेंस्ट हेट संस्था के मुताबिक, खालिद सैफी को 26 फरवरी को खुरेजी खास से गिरफ्तार किया गया था, वहां कोई दंगा नहीं हुआ था, बल्कि पुलिस ने कार्रवाई की थी। खालिद सैफी हालात को संभालने में लगे थे। पुलिस ने उसके खिलाफ आरोप के आधार पर 3 केस दर्ज किए थे।

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अदालत में मंगलवार को दाखिल तीनों आरोपपत्रों में कहा है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा गहरी साजिश थी। पुलिस ने कहा है कि हिंसा अचानक नहीं हुई बल्कि इसकी तैयारी की गई।

आरोपपत्र में पुलिस ने कहा है हिंसा हुई नहीं, बल्कि सीएए के विरोध के नाम पर गहरी साजिश के तहत इसे अंजाम दिया गया ताकि देश की छवि खराब हो। पुलिस ने कहा है कि आरोपी एक तरफ सीएए पर झूठी जानकारी फैला रहे थे और दूसरी तरफ मुख्य मार्गों पर चक्का जाम करने की साजिश कर रहे थे जो हिंसा की प्रमुख वजह बनी।

 दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने अब तक 700 से अधिक मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने इन मामलों में करीब 1300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। कोरोना महामारी के चलते जारी लॉकडाउन में पुलिस ने तकरीबन 700 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

 कर्दमपुरी पुलिया हिंसा मामले में मोहम्मद फुरकान की हत्या, चार अन्य लोगों को गोली लगने और 17 पुलिसकर्मियों के घायल होने से संबंधित है। यहां पर भी 24 फरवरी को भारी पथराव हुई थी। आरोप पत्र में पुलिस ने कहा है कि जांच के दौरान पाया कि 23 फरवरी को हिंसक भीड़ द्वारा इलाके में सीसीटीवी को नुकसान पहुंचाया गया था। पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

 यह मामला 25 फरवरी को सर्विस रोड पर अम्बेडकर कॉलेज के पीछे सांप्रदायिक हिंसा से जुड़ा है। जहां हिंसक भीड़ ने दो पार्किंग में आग लगा दी और 32 साल के ई-रिक्शा चालक दीपक की हत्या चाकू गोद कर की गई थी। बयानों, वीडियो सबूतों और अन्य तकनीकी सबूतों के आधार पर इस मामले में भी पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। सभी आरोपी जेल में है।

 मौजपुर चौक मामले में पुलिस ने जांच में पाया कि 24 फरवरी को सुबह 11 बजे दो समूह आपस में भिड़ गए। दोनों पक्षों से आगजनी, गोलीबारी हुई। और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई थीं। इसमें कई पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई। मामले में शाहरुख सहित पांच गिरफ्तार किए गए। उस दिन, एक व्यक्ति विनोद सिंह की मौत हो गई। इसमें अलग मामला दर्ज है।

तबलीगी जमात से जुड़ा अब्दुल अलीम दिल्ली दंगा के एक साजिशकर्ता के संपर्क में था। इस खुलासे के बाद जमात के तीन अन्य लोगों की भूमिका की जांच की जा रही है। ये तीनों अलीम के करीबी नेटवर्क से जुड़े हैं। अलीम मौलाना साद का बेहद करीबी बताया जाता है।

दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में अब्दुल अलीम का जिक्र किया है। अलीम हिंसा के एक साजिशकर्ता फैजल फारुकी के संपर्क में था। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में फैसल फारुकी को आरोपी बनाया है। ऐसे में अब्दुल अलीम सहित उसके तीन करीबियों की भूमिका की क्राइम ब्रांच बारीकी से जांच कर रही है। अब्दुल अलीम की मरकज के शीर्ष लोगों में गिनती होती है। बताया जाता है कि वह मौलाना साद के बेहद करीबी लोगों की देखभाल की जिम्मेदारी संभालता है।

फैजल फारुकी दयालपुर स्थित राजधानी स्कूल का मालिक है। राजधानी स्कूल के पास हुई हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से बुधवार को चार्जशीट दाखिल की गई थी। इसके मुताबिक स्कूल की छत से उपद्रवी गुलेल से पत्थरबाजी और आगजनी कर रहे थे। फैजल उन 18 लोगों में से था, जिन्हें क्राइम ब्रांच ने स्कूल के आसपास दंगों के आरोप में गिरफ्तार किया था। 

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