कोरोना संक्रमित बुजुर्ग की मौत, बेटी ने अस्पताल पर लगाए आरोप

दिल्ली में गुरुवार को 66 वर्षीय कोरोना पीड़ित बुजुर्ग ने लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल के बाहर दम तोड़ दिया। मृतक की बेटी अमरप्रीत का दावा है, वह मदद के लिए गुहार लगाती रही, लेकिन डॉक्टर देर से आए और तब तक उनके पिता की मौत हो चुकी थी। अस्पताल प्रशासन ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि हमने तुरंत उन्हें देखा था, लेकिन उनकी मौत हो चुकी थी।

मृतक के दामाद मनदीप सिंह के मुताबिक, 31 मई को उनके ससुर की तबीयत खराब हुई थी। वे उन्हें गंगाराम अस्पताल में ले गए थे, जहां अस्पताल ने जांच करने के बाद कहा कि रिपोर्ट ऑनलाइन मिल जाएगी, वे अस्पताल न आएं। मनदीप ने कहा कि एक जून को जांच रिपोर्ट आ गई, जिसमें कोरोना की पुष्टि हुई। इसके बाद उन्होंने एम्स और सफदरजंग अस्पताल में उन्हें भर्ती कराने के लिए संपर्क किया, लेकिन अस्पताल ने बेड न होने का हवाला देकर वापस लौटा दिया। उन्होंने हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया, लेकिन कई बार कॉल करने के बाद भी संपर्क नहीं हो पाया।

मनदीप ने बताया कि गुरुवार सुबह उनके ससुर की तबीयत बिगड़ने लगी। हेल्पलाइन पर एलएनजेपी अस्पताल में जाने को कहा गया। जब वे अस्पताल पहुंचे तो कहा गया कि ये गंगाराम का मामला है, वहीं इलाज होगा। एक घंटे तक वे इमरजेंसी के पास खड़े रहे, लेकिन कोई डॉक्टर नहीं आया। हालत एकदम खराब हो गई तो एक डॉक्टर ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।मृतक की बेटी अमरप्रीत ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए मदद मांगी थी। ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि उनके पिता की तबीयत काफी खराब है। वे एलएनजेपी के बाहर खड़ी हैं, लेकिन अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा। अगर जल्द इलाज नहीं मिला तो कुछ भी हो सकता है। वे मदद का इंतजार करती रही। इसके एक घंटे के बाद उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा कि अब उनके पिता नहीं रहे। उन्होंने फिर ट्वीट कर आरोप लगाया कि अब उनके परिवार की भी कोरोना जांच नहीं हो पा रही है।

दिल्ली स्वास्थ्य विभाग की टीम शुक्रवार को मृतक के घर जाएगी और जरूरी जांच करेगी। मृतक की बेटी ने सोशल मीडिया पर परिवार की जांच की मांग की थी। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, इस बारे में संज्ञान लिया गया है।लोकनायक अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरीज को गंगाराम अस्पताल ने घर में आइसोलेशन की सलाह दी थी। उनकी तबीयत खराब होने पर उन्हें अस्पताल लाया गया। वे सुबह 7:30 बजे अस्पताल पहुंचे थे। हमने मरीज को तुरंत देखा और पाया वह मृत अवस्था में लाए गए थे, जबकि ट्वीट सुबह 9:06 बजे किया गया था।

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