जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि निजी अस्पतालों में कोरोना के कारण नियमित रोगियों को समुचित उपचार सुविधा उपलब्ध नहीं होने की शिकायतें सामने आई हैं। सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है और कई अस्पतालों को नोटिस भी दिया है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि निजी अस्पताल संकट की इस घड़ी में अपनी नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी निभाएं, अन्यथा सरकार सख्ती से कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि किसी भी निजी अस्पताल से किसी मरीज को बिना इलाज वापस लौटाने की शिकायत नहीं आए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की जंग लंबे समय तक जारी रह सकती है। ऎसे में राज्य सरकार संसाधनों में किसी तरह की कमी नहीं आने देगी। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से लड़ाई के लिए चिकित्साकर्मियों की कमी नहीं रहे, इसके लिए करीब 9 हजार एएनएम एवं जीएनएम के पदों पर नियुक्ति के संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। जल्द की इनकी नियुक्ति होगी। उन्होंने बताया कि 12 हजार पदों पर होने वाली यह भर्ती न्यायालय में उलझ गई थी। अब सरकार ने 3674 न्यायिक प्रकरणों को छोड़कर शेष पदों पर नियुक्ति का निर्णय लिया है।
गहलोत ने कहा कि आर्थिक मंदी एवं कोरोना के कारण सभी राज्यों की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है। ऎसे में भारत सरकार को प्रोत्साहन पैकेज (स्टीम्यूलस पैकेज) देना चाहिए। उन्होंने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह जी की सरकार के समय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3 प्रतिशत प्रोत्साहन पैकेज दिया गया था। यूएसए ने कोरोना से पैदा हालातों को देखते हुए जीडीपी का 10 प्रतिशत तथा फ्रांस, जर्मनी एवं यूके ने जीडीपी का 15 प्रतिशत पैकेज दिया है, जबकि भारत सरकार ने केवल 0.8 प्रतिशत पैकेज दिया है, जो नाकाफी है। इसे बढ़ाया जाना चाहिए ताकि राज्यों को इस संकट से बाहर आने में मदद मिल सके।