ब्यूरो,
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में बरकरार रहेगा अल्पसंख्यक दर्जा
New Delhi…
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार रहेगा.
हालांकि इस मामले में अल्पसंख्यक दर्जा तय करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी को सौंपा गया.
सुप्रीम कोर्ट की सात सदस्यीय पीठ ने आज इस मामले फैसला सुनाया.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला 4 – 3 से पारित हुआ.
सुप्रीम कोर्ट ने 4:3 से “एस अज़ीज़ बाशा बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया” मामले को खारिज कर दिया, जिसमें 1967 में कहा गया था कि चूंकि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है इसलिए इसे अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना जा सकता.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि AMU के अल्पसंख्यक दर्जे के मुद्दे पर रेगुलर बेंच द्वारा निर्णय लिया जाएगा.
कोर्ट ने कहा है कि यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे को नए सिरे से तय करने के लिए तीन जजों की एक समिति गठित की गई है. कोर्ट ने 4-3 के बहुमत से यह फैसला सुनाया है.
कोर्ट का कहना है कि अब नई बेंच एएमयू को अल्पसंख्यक दर्जा देने के मानदंड तय करेगी.
इस मामले पर सीजेआई समेत चार जजों ने एकमत से फैसला दिया है जबकि तीन जजों ने डिसेंट नोट दिया है.
मामले पर सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा एकमत हैं. वहीं, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा का फैसला अलग है…