पेरेंटिंग टिप्स जो बेटी या बेटा के लिए है बेहद जरूरी

आलोक वर्मा, जौनपुर ब्यूरो,

पेरेंटिंग टिप्स जो बेहद जरूरी है:
काम, नौकरी, या व्यापार से फुर्सत मिलने पर, सुनिश्चित करें कि आपकी बेटी या बेटा निम्नलिखित नियमों का पालन कर रहे हैं:

बेटियों के लिए:

कोचिंग: सुनिश्चित करें कि वे नियमित रूप से कोचिंग जा रहे हैं।
मोबाइल पासवर्ड: उनके मोबाइल में पासवर्ड तो नहीं है, यह जांचें।
स्नेपचेट: अगर वे स्नेपचेट का इस्तेमाल कर रही हैं, तो चैट डिलीट करने का ऑप्शन चेक करें।
समय प्रबंधन: घंटों अपने कमरे में या दोस्तों के साथ समय तो नहीं बिता रही हैं।
दोस्तों के घर जाना: “प्रोजेक्ट” के बहाने दोस्तों के घर बार-बार तो नहीं जा रही हैं।
स्कूल की बातें: अगर स्कूल कुछ कहे, तो गंभीरता से सुनें, गुस्सा न हों।
कपड़े और पहनावा: कपड़े और पहनावे मर्यादा में हैं या नहीं, ध्यान दें।
फोन का उपयोग: देर रात तक फोन का उपयोग तो नहीं हो रहा है।
हॉस्टल: अगर हॉस्टल में रहती हैं, तो कभी-कभार बिना बताए मिलने जाएं।
फीडबैक: उनकी सहेलियों से फीडबैक लें।
शॉपिंग: शॉपिंग के दौरान परिवार के किसी सदस्य को साथ भेजें।
एक्स्ट्रा क्लास: एक्स्ट्रा क्लास के नाम पर सतर्क रहें।
दोस्तों का व्यवहार: उनके दोस्तों और सहेलियों के व्यवहार और चरित्र पर ध्यान दें।
धार्मिक कार्य: घर के धार्मिक कार्यों और त्योहारों में शामिल करें।
समाज में घटनाएँ: समाज में घट रही घटनाओं के बारे में उन्हें अवगत कराएं।

लड़कों के लिए:

कोचिंग और पढ़ाई: सुनिश्चित करें कि वे नियमित रूप से कोचिंग और पढ़ाई में ध्यान दे रहे हैं।
मोबाइल पासवर्ड: उनके मोबाइल में पासवर्ड है या नहीं, यह जांचें।
सोशल मीडिया: सोशल मीडिया पर समय सीमित रखें और चैटिंग ऐप्स पर नजर रखें।
समय प्रबंधन: घंटों कमरे में या दोस्तों के साथ समय न बिताएं।
दोस्तों का व्यवहार: नए दोस्तों के बारे में खुलकर चर्चा करें और उनके व्यवहार पर ध्यान दें।
देर रात की गतिविधियाँ: देर रात बाहर जाने की आदत पर नियंत्रण रखें।
स्वास्थ्य और फिटनेस: पढ़ाई के साथ-साथ स्वास्थ्य और फिटनेस पर ध्यान दें।
परिवार से संवाद: माता-पिता के साथ नियमित संवाद बनाए रखें और अपनी गतिविधियों की जानकारी साझा करें।
शॉपिंग और सामाजिक गतिविधियाँ: शॉपिंग और अन्य सामाजिक गतिविधियों में परिवार का कोई सदस्य साथ जाए।
धार्मिक कार्य: घर के धार्मिक कार्यों और त्योहारों में सक्रिय भागीदारी करें।
सुरक्षित व्यवहार: किसी भी संदिग्ध या असामान्य गतिविधि से दूर रहें और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें।
समाज में घटनाएँ: समाज में घट रही घटनाओं के बारे में जागरूक रहें और उनसे संबंधित विचार करें।

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