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शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस’ सत्र पर मिल रहीं बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं
*नगर के 756 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर हर बुधवार व शनिवार आयोजित हो रहे ‘यूएचएसएनडी’ सत्र*
*बेहद खास है मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड, सत्र पर साथ में लेकर आएं कार्ड*
*यू-विन एप पर रियल टाइम एवं ई-कवच व आरसीएच पोर्टल पर नियमित डाटा फीडिंग*
वाराणसी, 20 जुलाई 2024 ।
सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य व पोषण सेवाओं को लगातार सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। इसके लिए नगरीय क्षेत्र के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर हर बुधवार व शनिवार को शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (यूएचएसएनडी) सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इन सत्रों पर गर्भवती व बच्चों के टीकाकरण, प्रसव पूर्व एवं पश्चात देखभाल, परिवार नियोजन परामर्श, पोषण व स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियां, माताओं संग बैठकें आदि स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल की पहल पर शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस सत्र, नगर के 756 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आयोजित किए जा रहे हैं। इन केन्द्रो पर ही बच्चों व गर्भवती के टीकाकरण, प्रसव पूर्व एवं पश्चात जांच सुविधाएं, परिवार नियोजन परामर्श आदि सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि यूएचएसएनडी सत्र, पोषण सहित मातृ एवं शिशु देखभाल के प्रावधान के लिए एक पहुंच (आउटरीच) गतिविधि है जिसमें प्रशिक्षित एएनएम के द्वारा गर्भवती व बच्चों का टीकाकरण, एएनसी के शीघ्र पंजीकरण, नियमित एएनसी, पोषण संबंधी सेवाएं जैसे बच्चों का वजन, लंबाई और गर्भावस्था के दौरान देखभाल, रेफरल आदि के लिए नियमित सूचना, शिक्षा व संचार (आईईसी) व व्यवहार परिवर्तन संचार (बीसीसी) गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। गर्भवती को पोषण आहार, देखभाल, गर्भावस्था के खतरे के संकेत, लाभप्रद स्वास्थ्य योजनाओं और संस्थागत प्रसव के बारे में परामर्श व शिक्षित किया जा रहा है। इसके साथ ही मातृ-शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है।
सीएमओ ने बताया कि यूएचएसएनडी सत्र, जहां प्रशिक्षित एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा स्वास्थ्य सुविधाएं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के सहयोग से पोषण व स्वास्थय संबंधी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। यू-विन एप पर रियल टाइम डाटा फीडिंग के साथ ही ई-कवच और आरसीएच पोर्टल पर नियमित फीडिंग की जा रही है। समय-समय पर विभागीय समीक्षा व मॉनिटरिंग भी की जा रही है।
मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड है बेहद खास – मातृ-शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड 40 पेज की एक पुस्तिका है। इसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से जारी किया गया है। एमसीपी कार्ड सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के पंजीकरण के समय दिया जाता है। इसमें गर्भावस्था से संबंधित सभी आवश्यक सलाह व सूचनाओं का विवरण दर्ज रहता है। इसमें गर्भावस्था के दौरान समय-समय पर किए जाने वाले सभी चेक-अप से लेकर प्रसव में बरती जाने वाली सावधानियां दर्ज होती हैं। प्रसव के बाद बच्चे का उम्र के हिसाब से ध्यान रखने के महत्वपूर्ण जानकारियां भी उपलब्ध हैं। इसमें शिशु के टीकाकरण की भी संपूर्ण जानकारी होती है। इसके साथ ही पोषण व परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी साधनों के बारे में जानकारी होती है।