आलोक वर्मा, जौनपुर ब्यूरो,
आशुतोष की सुपारी देने वाले सिकंदर की खुलेगी हिस्ट्रीशीट , लगेगा गैंगेस्टर एक्ट !
पत्रकार , आरटीआई कार्यकर्ता एंव फ़ायरब्रांड हिंदुत्वादी नेता आशुतोष श्रीवास्तव हत्या कांड की पहेली सुलझ गयी है।आशुतोष को मारने वाले शूटर ने घटना का ख़ुलासा करते हुए बताया कि प्रॉपर्टी डीलर सिकंदर आलम ने आशुतोष की हत्या की सुपारी दी थी।पुलिस के मुताबिक पारा कमाल गांव निवासी सिकंदर आलम शातिर और मनबढ़ अपराधी है।उसके ऊपर आधा दर्जन से अधिक गम्भीर आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं।जिनमे तीन हत्या के प्रयास के मुकदमे भी हैं।सूत्र बताते हैं कि शाहगंज कस्बे में फ़ैज़ाबाद रोड स्थित एक टिकट माफ़िया के ऑफ़िस से सुपारी के पैसे का लेन देन हुआ।
बीते माह इमरानगंज बाज़ार में दिन दहाड़े हुई पत्रकार आशुतोष की हत्या पुलिस के लिए पहेली और सिरदर्द बनी हुई थी।चार लोगों के ख़िलाफ़ नामज़द मुकदमा दर्ज होने के बावजूद पुलिस को यकीन था कि कहानी कुछ और ही है। एसपी अजय पाल शर्मा ने जांच के लिए टीम बनाई और हर दिन इसका फॉलोअप खुद किया।जांच में पता चला कि आशुतोष को गोली मारने वाला शातिर शूटर प्रिंस सिंह है।तीन दिन पूर्व पुलिस मुठभेड़ में प्रिंस मारा गया और घटना में शामिल उसका साथी नीतीश राय भी अगले दिन पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
नीतीश ने पूछ ताछ में पुलिस को बताया कि किसी ज़मीनी विवाद को लेकर आशुतोष और पाराकमाल गांव निवासी सिकन्दर आलम में टशन थी।सिकंदर ने ही जेल में बंद अपने दोस्त हाशिम की मदद से शूटर प्रिंस से सम्पर्क किया और सुपारी के रूप में 10 लाख में सौदा तय हुआ।सिकंदर आलम फिलहाल फरार बताया जा रहा है।बताया जाता है सिकन्दर का आपराधिक इतिहास देखते हुए पुलिस उसकी हिस्ट्रीशीट खोलने और गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही करने की तैयारी कर रही है।
आशुतोष हत्याकांड का ख़ुलासा होने और शातिर शूटर प्रिंस के मुठभेड़ में मारे जाने से लोगों ने राहत की सांस ली है।लोग एसपी अजय पाल शर्मा द्वारा ईमानदारी से करवाई गई जांच की प्रशंसा कर रहे हैं।अब बड़ा सवाल यह है कि मृतक के भाई द्वारा नामज़द किये गए चार लोगों में नासिर जमाल और अर्फ़ी पुलिस की जांच में बाइज़्ज़त बचेंगे या उन्हें अभी और अग्नि परीक्षा से गुज़रना होगा।