गोरखपुर में 30 घंटे चली GST रेड, सेंट्रल टीम को गालियां देते रहे अफसर

ब्यूरो,

गोरखपुर में 30 घंटे चली GST रेड का आंखों देखा हाल:

सेंट्रल टीम को गालियां देते रहे अफसर;

बोले- ‘हम जैसे चाहेंगे, वैसे रूपया जमा करा लेंगे’

गोरखपुर के लोटस वैली रिजार्ट पर 30 घंटे गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) रेड चली।

रिजार्ट संचालक ने रेड के CCTV फुटेज सार्वजनिक किए हैं।

जिसमें GST अफसरों की मूवमेंट और बातचीत रिकॉर्ड हो गई है।

इसमें छापामारी करने पहुंची टीम के अफसर कभी सेंट्रल GST के अफसरों को गालियां दे रहे हैं

तो कभी यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि हम जैसे चाहेंगे,वैसे रूपया जमा करा लेंगे।

अफसर अपने साथियों से कह रहे हैं, आप लोग सिर्फ धैर्य रखिए।रूपये जमा नहीं कराने हैं।हम सब कर लेंगे।

कैसे हड़काना है, कहां हड़काना है… वो अभी रो देगा।

इतना ही नहीं,GST अफसर फोन पर किसी से बात करते हुए यह भी कहते हुए नजर आ रहे हैं कि

आप बताइए, पैसा जमा करा लें इसमें?

जितना बताइए,उतना जमा हो जाएगा।

इस फुटेज के सामने आने के बाद एक तरफ रिजार्ट संचालक अवधेश पांडेय ने उत्पीड़न के आरोप GST अफसरों पर लगाए हैं।

वहीं, दूसरी तरफ GST अफसरों ने चिलुआताल थाने में केस दर्ज कराया है।

• खबर में आगे बढ़ने से पहले आइए रेड की 3 CCTV फुटेज में रिकॉर्ड बातचीत समझते हैं..

फुटेज 1. स्टेट की फर्म पर सेंट्रल कैसे नोटिस दे सकता है?

एक GST अफसर रिजार्ट के केबिन में दाखिल होता है। कई अफसर पहले से वहां बैठे होते हैं।

तभी आवाज आती है, सर सेंट्रल वाले कैसे यहां नोटिस दे सकते हैं। जबकि, यह स्टेट की फर्म है।

इस बीच दूसरा अफसर बोलता है। जो किए हैं… किए हैं… जाने दो।

गाली देते हुए… बतईया रहा है तो बतइयाने दो। वो बहुत (गाली) टाइप का आदमी है।

इतने में रिजार्ट का एक कर्मचारी चाय लेकर आता है तो उसे देख
अफसर चुप हो जाते हैं।

लेकिन, उसके जाने के बाद फिर बोलते हैं….

वो राय बहुत कलाकार बनता है।
दूसरा गाली देते हुए बोलता है, उससे मेरी एक बार बात हो चुकी है।

इस बीच वहां मौजूद अफसर कहता है…

ठीक है तो किए हो तो किए हो…

हम लिखा-पढ़ी में लेंगे ना तुमको।

फुटेज 2. ‘अभी जैसे चाहेंगे वैसे जमा करा लेंगे, और वो कर देंगे जमा…’

रिजार्ट के आफिस में GST के 3 अफसर बैठे बात करते हैं। तभी एक अफसर बोलता है।

हम कल ही देख चुके हैं।अभी जैसे चाहेंगे वैसे जमा करा लेंगे,
और वो कर देंगे जमा।

इतना है मेरा, उतना वो लोग हमको जानते भी हैं।हमारे पास आ चुके हैं, हमको जानते हैं।

तभी दूसरा अफसर बोलता है।

नहीं जमा नहीं कराना है ना…

आप समझ रहे हो?।

फिर अफसर जवाब देता है। अब इसमें कोई इफ-बट वाली बात नहीं है, जितना लेना हो ले लीजिए।

हम तो अपने मन माफिक बोल रहे हैं।

अभी इसको हम दोनों लोग जब तक कर रहे हैं…तब तक आप अपना धैर्य बनाए रखिए। हम सब कर लेंगे।

हमको कैसे हड़काना है। कब हड़काना है, सब पता है।

अभी बुलाईए, वो रो देगा।

तभी दूसरा अफसर बोल रहा है- वो रो ही रहा था। आंख में आंसू आ गया था।

लेकिन, तभी हम बात को पलट दिए।

इतने में साथ बैठे दोनों अफसर बोलते हैं। सही नहीं है।

फुटेज 3. ‘प्रोग्रेसिव बहुत प्लस है, अगले महीने के लिए जमा करा लें?’

रिजार्ट के आफिस में संचालक की कुर्सी पर GST एक एक अफसर बैठा हुआ है।

जबकि, 5 अन्य लोग वहां लगे सोफे पर बैठे हैं। कुर्सी पर बैठा अफसर किसी से फोन पर बात कर रहा है।

कहां हैं सर? आए नहीं आप? पूरी इसकी जांच हो रही है…

और क्या। ऐसे आप लोग वहां बैठकर ताप रहे हैं। आप ये बताइए हमसे, पैसा जमा करा लें इसमें?

जितना बताइए। महीना पूरा हो गया तो क्या हुआ। तभी वहां बैठा दूसरा अफसर बोलता है-

हां वो सही कह रहे हैं।प्रोग्रेसिव तो जाता होगा आपका ?

बहुत प्लस चल रहा है। अगले महीने के लिए करा देते हैं।

तभी फोन पर बात कर रहा शख्स कुछ कहता है। फिर इधर से अफसर कहता है- मने अइसा नहीं है।

अभी देख रहे हैं… पकड़ रहे हैं।

बात करते हैं, फिर जमा होगा ना। इतना बोलते हुए फोन काट देता है।

तभी वहां साथ बैठे अफसर आपस में बात करते हुए नजर आते हैं।

प्रोग्रेसिव तो हम लोगों को बहुत पहले पूरा हो गया।

योगी के सामने रखूंगा अफसरों का काला चिट्ठा

वहीं, लोट्स वैली रिजार्ट के संचालक अवधेश पांडेय ने 30 घंटे चली इस रेड के कुछ CCTV फुटेज को सार्वजनिक करते हुए कहा है,

“अभी तो यह सिर्फ कुछ फुटेज सार्वजनिक किए हैं। लेकिन, अगर पूरी रेड के फुटेज सामने कर दिए जाएं तो GST विभाग के अफसरों के सारे काले चिट्ठे खुलकर सामने आ जाएंगे।

लेकिन, मैं उन्हें अभी सार्वजनिक नहीं करूंगा।

बल्कि मैं जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर उन्हें पूरे फुटेज दूंगा और बताउंगा कि

उनके गृह जनपद गोरखपुर में GST के नाम पर किस तरह से व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है।”

‘इंसाफ नहीं मिला तो पूरे परिवार संग दे दूंगा जान’

संचालक अवधेश पांडेय ने कहा,

“23 जनवरी की दोपहर 2.30 के करीब 15-17 अफसर मेरे रिजार्ट पर पहुंचकर ऐसा भय का माहौल बनाते हैं,

जैसे वे टैक्स चोरी चेक करने नहीं बल्कि किसी आतंकवादी को पकड़ने आए हैं।

मेरे स्टॉफ से अफसरों ने कहा, “आप 18 लाख रूपया दीजिए तो मामला सब मैनेज हो जाएगा।”

मैं जो भी नियमानुसार टैक्स बनता है, वो लगातार जमा करता हूं तो किस बात के लिए मैं इतने पैसे दूंगा।

मैंने 18 लाख रूपया देने से इंकार कर दिया तो इसके बाद 30 घंटे तक बिना किसी सर्च वारंट के GST अफसर मेरे रिजार्ट पर चेकिंग करते रहे।

रात होने पर वे सभी यहीं सो गए।

लेकिन, उन्होंने सर्च वारंट की कॉपी नहीं दिखाई। रेड के बाद बैक डेट में टीम ने सर्च वारंट जारी कर दिया।

जबकि, सर्च वारंट आनलाइन जारी होता है।”

GST अफसर कर रहे उत्पीड़न

अवधेश पांडेय ने कहा, “सीएम योगी जहां गोरखपुर को एक बिजनेस हब बनाकर उबारने में दिन-रात लगे हैं।

वहीं, GST विभाग के अफसर सरकार को बदनाम करने के लिए व्यापारियों में भय पैदा कर रहे हैं।

मैंने गोरखपुर के विकास को देखने हुए यहां एक रिजार्ट खोला। 200 लोगों को रोजगार दिया।

लेकिन, मेरा खुद एक साल से उत्पीड़न किया जा रहा है।

मेरे खिलाफ झूठे केस दर्ज कराए जा रहे हैं। मैं लगातार इंसाफ के लिए लड़ रहा हूं।

बावजूद इसके अगर मेरी बात सुनी नहीं गई तो मैं अपने पूरे परिवार संग आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाऊंगा।”

•अब आइए जानते हैं, क्या है पूरा मामला…?

खा-पीकर रिजार्ट में ही सो गए GST अफसर

दरअसल, 23 जनवरी को नकहा स्थित लोटस वैली रिजार्ट पर GST टीम ने बड़ी रेड की।

मंगलवार की दोपहर पहुंची GST टीम करीब 30 घंटे तक यानी कि बुधवार 24 जनवरी की शाम 7 बजे तक यहां डटी रही।

हालांकि,आम तौर पर यह शाम होने के बाद टीम रेड बंद हो जाती है और अगले दिन सुबह फिर उसे दोबारा शुरू होती है।

लेकिन, इस मामले में GST टीम पूरी रात रिजार्ट पर ही डटी रही। रात होने पर टीम के सदस्य यहीं खा-पीकर सो गए।

गाड़ी का कराया चालान, हॉकर को सौंप दिया सिलिंडर

अगले दिन 24 जनवरी की शाम 7 बजे GST टीम यहां से एक लॉग बुक, एक काली डायरी और कुछ लूज पेपर लेकर लौट गई।

टीम को यहां कार्रवाई के लिए ऐसा कुछ नहीं मिला। टीम में शामिल अफसरों का कहना था कि

डिपार्टमेंट को बड़ी टैक्स चोरी की शिकायत मिली थी,जिसके आधार पर रेड की जा रही है।

जबकि, संचालक का कहना है कि टीम 30 घंटे के रेड के दौरान कोई सर्च वारंट नहीं दिखा सकी।

जब GST अफसरों के हाथ कुछ नहीं लगा तो वे बौखला गए।

टीम के सदस्य ट्रैफिक पुलिस को बुलाकर यहां एक कार का चालान करा दिए।

जबकि, एक गैस एजेंसी के हाकर को बुलाकर कुछ सिलिंडर उसे सौंप दिए।

आफिस में 7 लाख कैश भी मिले थे।

जोकि कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए निकाला गया था। जिसका स्टेटमेंट भी अफसरों को दिखाया गया।

बावजूद इसके उन्होंने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को बुलाकर पैसा उन्हें सुपुर्द कर दिया।

3 दिन बाद अफसरों ने दर्ज कराया केस

इस बीच संचालक ने इसकी आनलाइन शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर GST के बड़े अफसरों से की

तो टीम के लोग रेड खत्म कर दिए और वहां से चले गए।

इसके बाद शनिवार को टीम ने इस मामले में चिलुआताल थाने में रिजार्ट संचालक सहित दो नामजद और 3 अज्ञात के खिलाफ जांच में सहयोग ना करने।

सच छिपाने और लोक सेवकों से झूठ बोलने सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया है।

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