ब्यूरो,
यूपी की राजनीति में मंगलवार को भाजपा ने बड़ा दांव खेला। सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर से पहले दारा सिंह चौहान को तोहफा दे दिया है। घोसी सीट पर सपा से हारने वाले दारा सिंह चौहान को भाजपा ने एमएलसी का टिकट दे दिया है। दिनेश शर्मा के इस्तीफे से रिक्त हुई सीट पर दारा सिंह चौहान को प्रत्याशी बना दिया है। विधानसभा में भाजपा के बहुमत को देखते हुए दारा सिंह चौहान का एमएलसी बनना तय भी है। कहा जा रहा है कि बुधवार को वह एमएलसी के लिए नामाांकन करेंगे। इस दौरान सीएम योगी समेत भाजपा के वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।
दारा सिंह चौहान ने पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर सपा ज्वाइन कर ली थी। घोसी से सपा के टिकट पर विधायक भी बन गए थे। चुनाव बाद दारा सिंह ने दोबारा पाला बदला और भाजपा ज्वाइन कर ली। घोसी सीट से इस्तीफा भी दे दिया था। घोसी उपचुनाव में भाजपा ने दारा सिंह चौहान पर ही दांव लगाया लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। एक बार फिर दारा सिंह चौहान को एमएलसी के रास्ते विधायक बनाने की तैयारी को लेकर माना जा रहा है कि योगी मंत्रिमंडल का विस्तार होने पर उन्हें मंत्री भी बनाया जाएगा।
घोसी उपचुनाव के बाद लंबे समय से दारा सिंह चौहान मीडिया और सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर हैं। घोसी उपचुनाव में हार के बाद भी ओपी राजभर ने दावा किया था कि जल्द ही योगी मंत्रिमंडल में उनका शपथ ग्रहण होगा। दारा सिंह चौहान भी मंत्र बनेंगे। ओपी राजभर का दावा अभी तक भले ही पूरा नहीं हुआ लेकिन दारा सिंह चौहान के मंत्री बनने की राह जरूर आसान हो गई है।
भले ही दारा सिंह चौहान घोसी उपचुनाव में हार गए थे लेकिन पूर्वांचल की राजनीति में उनका खासा दबदबा माना जाता है। वह कई सरकारों में मंत्री रहे हैं। ओबीसी में शामिल चौहान समाज में भी उनकी काफी लोकप्रियता है। ऐसे में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें विधायक बनाकर भाजपा ने पिछड़ा वर्ग को लुभाने की भी एक कोशिश की है।
अखिलेश यादव लगातार पीडीए यानि पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक के बल पर भाजपा को हराने का दम भर रहे हैं। उनकी पूरी मुहिम ही इस समय पीडीए है। ऐसे में दारा सिंह चौहान के द्वारा भाजपा ने अखिलेश यादव की मुहिम पर भी चोट करने की कोशिश की है।