पीएम केयर्स फंड कांग्रेस पार्टी के एक ट्वीट को लेकर कर्नाटक के शिवमोगा में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाएफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। कांग्रेस पार्टी को ओर से यह ट्वीट 11 मई को किया गया था। एफआईआर में सोनिया गांधी को सोशल मीडिया अकाउंट की संचालक बताया गया है।
शिकायत प्रवीण केवी नाम के शख्स ने दर्ज कराई है। वह बीजेपी कार्यकर्ता और वकील हैं। वकील केवी प्रवीण ने कहा, ”उन्होंने पीएमकेयर्स फंड को फ्रॉर्ड बताया। उन्होंने ट्विटर पर कहा कि यह जनता के लिए खर्च नहीं किया जाएगा। पीएम इस फंड का इस्तेमाल करते हुए विदेश यात्राओं पर जाएंगे। यह कोविड-19 स्थिति में अफवाह है। इसलिए मैंने शिकायत दर्ज कराई है।”
11 मई को कांग्रेस पार्टी ने कई ट्वीट किए हैं जिसमें पीएम केयर्स फंड की पारदर्शिता को लेकर सवाल उठाए गए हैं। एक ट्वीट में कहा गया, ‘भाजपा की हर योजना की तरह पीएम केयर्स फंड में भी गोपनीयता बरकरार रखी जा रही है। क्या पीएम केयर्स फंड में चंदा देने वाले देशवासियों को इसके उपयोग के बारे में जानकारी नहीं होनी चाहिए?’ एक अन्य ट्वीट में लिखा गया है, ‘पीएम केयर्स नाम से ही स्पष्ट हो रहा है कि ये फंड जनता की नहीं प्रधानमंत्री की केयर के लिए बनाया गया है। अगर भाजपा सरकार में जनता की केयर करने की इच्छाशक्ति होती तो सड़कों पर प्रवासी मजदूरों के लंबे काफिले ना होते।’
एक विडियो के जरिए सरकार से कई सवाल पूछे गए थे। जैसे- दान में कितने पैसे मिले हैं? धन का उपयोग कैसे किया जा रहा है? पैसा किसे दान किया जा रहा है। जब पीएमएनआरएफ पहले से मौजूद है जिसमें 3800 करोड़ रुपए उपलब्ध हैं तो एक अलग फंड क्यों बनाया गया? क्या सरकार फंड का वित्तीय रिपोर्ट कार्ड जारी करेगी? सरकार पीएसयूज से इतने बड़े दान को क्यों स्वीकार कर ही है, जबकि सीएजी को फंड के ऑडिट की अनुमति नहीं दे रही है? कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में मदद के माध्यम से फंड जुटाने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम केयर्स फंड का गठन किया है। जब से पीएम केयर फंड बना है, तब से इसे लेकर कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस पार्टी लगातार इसकी ऑडिट की मांग कर रही है।