मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कहा कि लौट रहे प्रवासी मजदूर हमारे ‘भाई-बंधु’ हैं और वह राज्य में खुले दिल से उनका स्वागत करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के लिए प्रवासी मजदूरों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
चौहान ने एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि प्रवासी भी इंसान हैं। वे हमारे भाई-बंधु हैं। हमें प्रवासियों के राज्य में लौटने पर कोई आपत्ति नहीं है और हम उन्हें गले लगाएंगे। उन्होंने प्रवासी श्रमिकों के कारण कोरोना वायरस के मामले बढ़ने का संकेत देने वाली खबरों को खारिज किया और पूछा कि क्या कोरोना वायरस उन जगहों पर नहीं फैला जहां प्रवासी मजदूर नहीं थे?
चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में कोविड-19 के मामले बढ़े हैं। प्रवासी और बाहर फंसे अन्य लोग भी राज्य में आए हैं। हम कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि के लिए प्रवासियों को जिम्मेदार क्यों ठहराए? केवल प्रवासी मजदूरों की आवाजाही की वजह से ही मामले नहीं बढ़े हैं। बीजेपी शासित राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संकट में मानवता और संवेदनशीलता भी शामिल है। ये प्रवासी मजदूर कौन हैं? ये हमारी भाई और बहनें हैं। ये आजीविका कमाने के लिए गए थे। अगर वे वापस आना चाहते हैं तो मध्य प्रदेश खुले दिन से उनका स्वागत करेगा। उन्होंने कहा कि अभी तक करीब चार लाख श्रमिकों को दूसरों राज्यों से मध्य प्रदेश लाया गया है।
उन्होंने कहा कि हमने मध्य प्रदेश में फंसे दूसरे राज्यों के 7,000 मजदूरों को एक हजार रुपये की राशि देने का फैसला किया है। हमने उन्हें जांच की सुविधाएं मुहैया कराई और हम उन्हें भोजन भी उपलब्ध करा रहे हैं। हम उन्हें बसों तथा ट्रेनों से भेज रहे है और साथ ही यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि पूरा खर्च राज्य वहन करें। किसी भी मजदूर से इसके लिए पैसा नहीं लिया जाएगा। चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने ऐसे मजदूरों के फायदे के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत काम शुरू किया है। कोरोना वायरस के मामले संभावित रूप से बढ़ने का संकेत देते हुए चौहान ने कहा कि हमें इसके साथ जीना सीखना होगा।
उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि कोरोना वायरस के मामले बढ़ेंगे। हमें सभी एहतियात बरतते हुए इसके साथ जीना सीखना होगा। हम राज्यभर में सभी चिकित्सा केंद्रों में इसके इलाज के लिए सभी सुविधाओं का इंतजाम कर रहे हैं। चौहान ने कोरोना वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पारंपरिक आयुर्वेदिक व्यवस्था का इस्तेमाल करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि एलोपैथी उपचार सभी के लिए उपलब्ध है लेकिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत करने की आवश्यकता है। हम आयुर्वेद का इस्तेमाल करने पर भी जोर देंगे। हमने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में लोगों की मदद के लिए ‘काढ़े के दो