महिला आरक्षण बिल का जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने किया स्वागत, बिल को बताया ऐतिहासिक, कोटा में ओबीसी महिलाओं को भी शामिल करने की दी सलाह

ब्यूरो,

लोकसभा से पास हुए महिला आरक्षण बिल का नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने स्वागत किया है। उन्होंने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इससे एकमात्र पहलू गायब है वह यह है कि इस कोटा में ओबीसी महिलाओं को भी शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि महिला आरक्षण विधेयक एक अद्भुत विधेयक है। करीब 15 साल से हम अपनी महिलाओं को उनके अधिकार मिलने का इंतजार कर रहे हैं। केवल एक चीज जो मैं कहूंगा वह गायब है वह है ओबीसी महिलाओं को आरक्षण के दायरे में शामिल नहीं करना। ओबीसी महिलाओं को भी इस विधेयक से लाभ मिलना चाहिए।”

उन्होंने कहा, ”हमारी सभी महिलाओं को एक समान दर्जा दिया जाना चाहिए और उनके साथ उचित व्यवहार किया जाना चाहिए। देश उतना ही उनका है जितना और किसी का है।”

इस बिल को विपक्ष के सिर्फ दो सांसदों को छोड़कर बाकियों का समर्थन मिला। हालांकि कुछ विपक्षी दलों ने विधेयक को लागू करने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाया। यह कानून केवल जनगणना और परिसीमन के बाद ही लागू हो सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने पहले कहा था कि केंद्र अगले साल लोकसभा चुनावों में महिलाओं के वोट हासिल करने के लिए विधेयक का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा है। खड़गे ने इसे जल्द से जल्द लागू करने की मांग की।

इससे पहले दिन में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नए संसद भवन में लोकसभा की पहली बैठक में विधेयक पेश किया। इस विधेयक का नाम “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” रखा गया। निचले सदन में बिल पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”यह बिल महिला सशक्तिकरण से संबंधित है। संविधान के अनुच्छेद 239एए में संशोधन करके राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी।”

मेघवाल ने कहा कि एक बार जब ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ दोनों सदनों से पास हो जाएगी तो लोकसभा में महिलाओं के लिए सीटों की संख्या बढ़कर 181 हो जाएगी। आपको बता दें कि इस बिल को आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा।

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