ब्यूरो
गोरखपुर में अब अपने ही अपनों की जान ले रहे हैं। कहीं स्वार्थ में रिश्तों का कत्ल हो रहा तो कहीं मामूली-सी बात पर लोग अपनों को ही मौत के घाट उतार रहे हैं। हाल के दिनों में हुई हत्याओं के पीछे की वजह पर अगर गौर करें तो जिन बातों की कोई वजह ही नहीं थी, उनमें भी लोग एक- दूसरे की जान लेने पर उतारू हो गए। इसमें कहीं आपसी विश्वास की कमी वजह बनी तो कहीं पुलिस के प्रति लोगों में खत्म हो रहा खौफ। शायद यही वजह है कि गोरखपुर में छोटी-छोटी बातों पर हत्याओं का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है।
ताजा मामला अभी 11 मार्च का है। जब तिवारीपुर इलाके के सूर्यकुंड में एक बेटे ने अपने पिता को पहले सिल-बट्टे से मारकर बेहोश कर दिया और फिर उनकी गर्दन काटकर धड़ से अलग कर दिया। अपने ही पिता की गर्दन काटते वक्त जब चाकू मुड़ गई तो बेटा घर में रखी आरी-ब्लेड लेकर आया और फिर उससे पिता की गर्दन काटी।
इतना ही नहीं, पिता की हत्या के बाद शव को दो टुकड़ों में करके बेटे ने उसे सूटकेस में भर दिया। हालांकि, गोरखपुर में इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है, जहां रिश्तों का कत्ल हुआ। बल्कि इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। अपनों के साथ लोग कितने निर्दयी बन गए हैं