ब्यूरो
लखनऊ के अलाया अपार्टमेंट मामले में फरार चल रहे बिल्डर फहद याजदान का सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है। इसमें उन्होंने खुद को बेगुनाह बताते हुए पूरे मामले की सही से जांच करने की मुख्यमंत्री से मांग की। साथ ही कहा है कि मेरी सभी से गुजारिश है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए। हफ्ते 10 दिन में कोर्ट से राहत मिलती है तो ठीक है, वरना मैं खुद सरेंडर कर दूंगा।
याजदान ने खुद और अन्य आरोपियों को भी बताया बेकसूर
वीडियो में फहद याजदान एक लॉन में बैठे नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना के 2 दिन बाद सबकी बातें सुनने के बाद मैं अपना बयान जारी कर रहा हूं। इस बिल्डिंग से याजदान बिल्डर का कोई लेना-देना कभी नहीं रहा है। उस बिल्डिंग के किसी भी चीज से शाहिद मंजूर के बेटे और भतीजे का भी कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने फ्लैट बेचे हैं, रजिस्ट्री की है। इस हादसे के वह दोनों लोग जिम्मेदार नहीं हैं।
फहद याजदान ने कहा कि बिल्डिंग की पार्किंग में कैमरे लगे थे। अधिकारी फुटेज से देखें कि उस बिल्डिंग में ड्रिलिंग का जो काम हो रहा था वह कौन कर रहा था। बिल्डिंग के एक लोग ही खड़े होकर काम करवा रहे थे। जिसका बिल्डिंग में रहने वाले कुछ लोगों ने विरोध किया था। मेरा इस बिल्डिंग से कभी कोई लेना-देना नहीं रहा।
शाहिद मंजूर से ताल्लुक के चलते जब यह बिल्डिंग 2009-2010 में बन रही थी तो मैंने इनके कहने पर 3 फ्लैट बिकवाए थे। इसका कमीशन मुझे मिला था, बाकी मेरा कोई मतलब नहीं था। बिल्डर ने कहा है कि बिल्डर एग्रीमेंट मेरे नाम नहीं है। किसी तरह का एग्रीमेंट फहद यजदानी के नाम होगा तो मैं खुद-ब-खुद जेल जाने को तैयार हूं। यह बिल्डिंग 2010 और 2011 में बनी थी, जबकि याजदान बिल्डर की फर्म 2012- 13 में बनी है। फहद याजदानी की बिल्डिंग प्राग नारायण रोड पर थी, जिसे LDA ने तोड़ दिया है।