राज्यों के लगातार होने वाले चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव के चलते जेपी नड्डा का कार्यकाल विस्तार पर चर्चा

ब्यूरो

भाजपा फिलहाल संगठन चुनाव में नहीं उलझना चाहती है। इसकी बजाय भाजपा की कोशिश यह है कि मौजूदा संगठन को ही बनाए रखा जाए और पूरी ताकत राज्यों के चुनाव में लगा दी जाए ताकि 2024 के लिए माहौल बन सके।

भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को पिछले दिनों कार्यकाल विस्तार दिए जाने की खबरें थीं, लेकिन अब उन्हें पूरा एक कार्यकाल और दिए जाने की चर्चा चल रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि राज्यों के चुनाव लगातार होने वाले हैं और उसके बाद लोकसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में भाजपा संगठन चुनाव में नहीं उलझना चाहती है। इसकी बजाय भाजपा की कोशिश यह है कि मौजूदा संगठन को ही बनाए रखा जाए और पूरी ताकत राज्यों के चुनाव में लगा दी जाए।

नवंबर में गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में भाजपा नहीं चाहती कि चुनाव से पहले किसी तरह का बदलाव किया जाए। इसके बाद राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक जैसे अहम राज्यों के चुनाव होने वाले हैं। त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम और तेलंगाना समेत कुल 11 राज्यों के चुनाव 2024 के आम चुनाव से पहले होने हैं। 

ऐसे में भाजपा नहीं चाहती कि चुनाव नतीजों में कोई कमजोरी दिखे क्योंकि उससे 2024 को लेकर उसका परसेप्शन खराब होगा। यही वजह है कि जेपी नड्डा को लगातार दूसरा कार्यकाल देने पर विचार चल रहा है। पार्टी का संविधान भी इसकी इजाजत देता है कि कोई भी नेता लगातार दो बार बिना चुनाव के राष्ट्रीय अध्यक्ष बना रह सकता है। जेपी नड्डा को जुलाई 2019 में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर जिम्मा दिया गया था, जब अमित शाह को सरकार में एंट्री मिली थी। इसके बाद जनवरी 2020 में जेपी नड्डा को पूर्णकालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी मिली थी। तब से यूपी समेत कई बड़े राज्यों में वह पार्टी को बड़ी जीत दिला चुके हैं। 

पार्टी सूत्रों ने कहा कि यदि संगठन चुनाव होना होता तो अब तक राज्यों में इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाती। इसकी वजह यह है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से 6 महीने पहले राज्यों में संगठन चुनाव का प्रॉसेस शुरू हो जाता है। इनकी शुरुआत नहीं हुई है, जिसेस नड्डा को एक और कार्यकाल मिलने का संकेत मिल रहा है। बता दें कि हाल ही में ऐसे कई वरिष्ठ नेताओं को भाजपा ने राज्यों का प्रभारी बनाया है, जो काफी समय से किसी अहम जिम्मेदारी से दूर थे। संगठन में जेपी नड्डा की लीडरशिप में तमाम बदलावों से भी माना जा रहा है कि वह एक और कार्यकाल के लिए बने रहेंगे। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *