नई दिल्ली: आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त की जानकारी देतेे हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कई सेक्टर की मजबूती के लिए नीतिगत बदलाव की जरूरत है. वित्त मंत्री ने 8 सेक्टर के लिए बड़े ऐलान किए. इन क्षेत्रों में माइनिंग, खनिज, विमानन और डिफेंस शामिल हैं.
सरकार की ओर से पहला बड़ा ऐलान कोयला क्षेत्र के लिए किया गया है. कोयला क्षेत्र में कॉमर्शियल माइनिंग होगी. सरकार का एकाधिकार ख्त्म होगा. कम कीमत पर ज्यादा कोयला मुहैया होगा. कोयला क्षेत्र के लिए 50 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे. माइनिंग लीज का ट्रांसफर हो सकेगा. 500 माइनिंग ब्लॉक की नीलामी होगी.
वित्त मंत्री की ओर से दूसरा बड़ा ऐलान खनिज क्षेत्र के लिए किया गया. खनिज सेक्टर में विकास की नीति अपनाई जाएगी. माइनिंग और मिनरल सेक्टर में संरचनात्मक सुधार किया जाएगा. बॉक्साइट और कोयला के क्षेत्र में संयुक्त नीलामी का प्रावधान किया जाएगा.
तीसरा बड़ा ऐलान रक्षा क्षेत्र के लिए किया गया. वित्त मंत्री ने कहा, “रक्षा क्षेत्र में सरकार का ‘मेक इन इंडिया’ पर जोर है. हमारी सेना को अत्याधुनिक हथियारों की जरूरत है. रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य है. ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड का निगमीकरण किया जाएगा. ऑर्डिनेंस फैक्ट्री शेयर बाजार में लिस्ट होगी. कुछ हथियारों के आयात पर बैन लगेगा. आयात नहीं किए जाने वाले उत्पादों की लिस्ट बनेगी. रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी हथियारों के लिए अलग से बजट का प्रावधान होगा.”
चौथा बड़ा ऐलान विमानन क्षेत्र को लेकर किया गया. वित्त मंत्री ने कहा, “वर्ल्ड क्लास लेवल के एयरपोर्ट का विकास पीपीपी मॉडल से होगा. एयरस्पेस बढ़ाया जाएगा. अभी 60% एयरस्पेस खुला है. पीपीपी मॉडल से 6 एयरपोर्ट विकसित किए जाएंगे. एयरस्पेस बढ़ाने से आमदनी बढ़ेगी. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को 2300 करोड़ रुपया दिया जाएगा. “
वित्त मंत्री कहा कि हमें मुकाबले के लिए तैयार रहना है. पीएम मोदी बड़े सुधार के पक्ष में हैं. रोजगार, उत्पादन को बढ़ावा देने की कोशिश जारी है. भारत निवेश के लिए पहली पसंद है. हमें अपने उत्पादों को विश्वसनीय बनाना होगा. हमारा फोकस बुनियादी सुधारों पर है. बैंक सुधार का फैसला देश के हित में लिया गया. वित्त मंत्री ने कहा, “आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया बेहद अहम अभियान है. विदेशी निवेश के लिए भारत में अच्छे अवसर हैं. डीबीटी, जीएसटी जैसे सुधार देश के लिए अहम हैं. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर भारत का पूरा जोर है.”