ब्यूरो,
हिजाब विवाद पर मुखर असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि ये लोग हिपोक्रेसी करते हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी मुस्लिम महिलाओं के भाई होने का दावा करते हैं और अब उन्हें पढ़ने से रोका जा रहा है। एक टीवी चैनल से बातचीत में ओवैसी ने कहा, ‘पीएम मोदी कहते हैं कि मैं मुस्लिम महिलाओं का भाई हूं। आखिर अब भाईचारा कहां गया। भाजपा की रैली में भी बुर्का पहनी महिलाएं दिखाई गईं। नड्डा जी की आरती उतारती मुस्लिम महिलाएं दिखाई गईं, लेकिन यह हिपोक्रेसी क्यों है।’ इसके साथ ही ओवैसी ने कहा कि कुरान में हिजाब और निकाब पहनने की बात कही गई है।
सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लड़कों की नारेबाजी के जवाब में अल्लाह हू अकबर का नारा लगाने वाली मुस्कान नाम की लड़की की भी तारीफ की। ओवैसी ने कहा कि मुस्कान ने जो किया है, वह बहादुरी का काम था। ओवैसी ने कहा, ‘मुस्कान को कॉलेज में अंदर जाने से रोका गया था, जो असाइनमेंट जमा करना चाहती थी। सरकार ने ये फैसला अचानक क्यों लिया है? आखिर किसी लड़की के सामने क्यों लड़कों के हुजूम ने नारे लगाए।’ उन्होंने कहा कि फीफा ने 2014 में कहा था कि आप हिजाब पहनकर फुटबॉल खेल सकते हैँ। इसके अलावा बॉस्केटबॉल फेडरेशन ने भी कहा था कि हिजाब पहनकर आप खेल सकते हैं।
ओवैसी ने कहा कि महिलाओं की इज्जत के लिए हिजाब जरूरी है। उन्होंने कहा कि यदि मैं किसी महिला को घूरे जा रहा हूं तो वह गुनाह है। पुरुषों के लिए भी आदेश है कि वे ऐसा न करें और अपनी नजरें नीचे करें। ओवैसी ने कहा कि हिजाब हमारे विश्वास का हिस्सा है। ओवैसी ने कहा कि हम तो नहीं कह रहे हैं कि कोई बरमूडा शॉर्ट्स पहनकर घूमे या नहीं। हम किसी के ऊपर हिजाब थोप नहीं रहे हैं। एक लड़की स्कूटी चलाकर आती है, हिजाब पहनकर तो क्या उसे हम कहेंगे कि उसे दबाया गया। ओवैसी ने कहा कि यदि मैं टोपी और दाढ़ी के साथ संसद जा सकता हूं तो फिर लड़कियां क्यों नहीं अपनी पहचान के साथ कहीं जा सकती। उन्होंने कहा कि हिजाब के खिलाफ जो हो रहा है, वह नफरत है।ओवैसी ने कहा कि मैं मुस्कान के माता-पिता को सलाम करता हूं कि उन्होंने इतनी बहादुर लड़की को पैदा किया है। उसने जो किया है, वह आसान काम नहीं था। आखिर उन लड़के और लड़कियों को भगवा शॉल कौन दे रहा है। यही मैंने संसद में कहा था कि यह रैडिकलाइजेशन कैसे हो रहा है।