ब्यूरो,
तीन मंत्रियों स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी समेत एक दर्जन से अधिक विधायकों के पार्टी छोड़ने और इनके समाजवादी पार्टी में शामिल होने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रतिक्रिया दी है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वंशवाद, और परिवारवाद की राजनीति करने वाले सामाजिक न्याय के समर्थक नहीं हो सकते। भ्रष्टाचार जिनके जीन्स का हिस्सा हो, वे सामाजिक न्याय की लड़ाई नहीं लड़ सकते। सीएम योगी ने गोरखपुर में दलित कार्यकर्ता के घर खिचड़ी खाने के बाद पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही।
योगी ने कहा कि सामाजिक समरसता और न्याय की लड़ाई भाजपा ने लड़ी है। सामाजिक न्याय यह है कि शासन की योजनाओं का लाभ हर गरीब को मिले, हर तबके के लोगों को मिले, उनके साथ सामाजिक-आर्थिक भेदभाव न हो। और, यही भाजपा का मूल मंत्र है। सीएम योगी झुंगिया गेट के समीप दलित के घर सहभोज के बाद कहा कि इस दलित बस्ती में सुशासन और विकास का संदेश देने और अस्पृश्यता की भावना को पूरी तरह समाप्त करने के संकल्प को पूरा करने के लिए आए हैं। समतामूलक समाज की स्थापना,भ्रष्टाचार मुक्त, अपराध मुक्त व्यवस्था यानी सुशासन का हिस्सा है।
सीएम योगी ने कहा कि सरकार ने पिछले पांच साल में पीएम मोदी के मार्ग में लागू कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर गांव, हर गरीब, हर किसान, मजदूर, महिला, नौजवान तक बिना भेदभाव पहुंचाया है। आज उसी का परिणाम है कि प्रदेश में 45 लाख गरीबों को आवास मिले,2.61 करोड़ गरीबों के घरों में शौचालय बने। किसी भी दलित बस्ती चले जाइये, यह सब दिखेगा। कोरोना महामारी के दौरान लोगों को मुफ्त डबल राशन दिया जा रहा है, यह डबल इंजन सरकार की तरफ से राहत का डबल डोज है। यह सब सामाजिक न्याय का ही हिस्सा है। योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार को देखे तो मात्र 18,000 आवास उन्होंने पांच साल में दिया था। गरीबों के मकान पर कब्जा, जमीनों पर कब्जा कर होता था। अगर यही सामाजिक समरसता है, तो उसका मैं विरोध करता हूं।