ब्यूरो,
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में श्रम मंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य आज समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। यही नहीं इस दौरान उन्होंने भाजपा के साथ ही बसपा पर भी हमला बोला, जिसमें वह लंबे समय तक रहे थे। एक दौर में वह मायावती के करीबी नेताओं में से एक थे, लेकिन उन पर भी तीखा हमला बोला। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘हम जिसका साथ छोड़ देते हैं, उसका कहीं पता नहीं चलता। मायावती इसकी जिंदा मिसाल हैं। वह आंबेडकर के मिशन से हट गईं। मान्यवर कांशीराम के आंख मूंदते ही नारा बदल दिया था। बहन मायावती ने उनके नारे ‘जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारीट को बदल दिया। उन्होंने नया नारा दिया- जिसकी जितनी तैयारी, उसकी उतनी भागीदारी।’
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘आज भारतीय जनता पार्टी के वो बड़े-बड़े नेता जो कुंभकर्णी नींद सो रहे थे, उनकी नींद हमारे इस्तीफों के बाद हराम हो गई है। इसके साथ ही भाजपा के कुछ लोग कहते हैं कि 5 साल तक क्यों नहीं इस्तीफा दिया। कुछ बददिमाग लोग यह भी कहते हैं कि बेटे के चक्कर में भाजपा छोड़ दी। मैं ऐसे लोगों से कहना चाहता हूं कि भाजपा के लोगों ने इस देश के गरीबों, मजलूमों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की आंखों में धूल झोंककर सत्ता हथियाई थी।’ यही नहीं पिछड़ी बिरादरी के नेता के तौर पर खुद को स्थापित करने की कोशिश में जुटे स्वामी ने कहा, ‘भले में ही मैंने पार्टी नहीं बनाई है, लेकिन किसी भी पार्टी से कम नहीं हैं।’
स्वामी प्रसाद मौर्य ने साफ संकेत दिया कि वह इस चुनाव को अगड़ा बनाम पिछड़ा बनाने की कोशिश में हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘यह भाजपा केशव प्रसाद मौर्य और स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम उछालकर पिछड़ों के बूते सत्ता में आई थी। भाजपा ने चर्चा की थी कि स्वामी प्रसाद मौर्य या केशव प्रसाद सीएम होंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, गोरखपुर से नेता को लाकर सीएम बना दिया और पिछड़ों की आंखों में धूल झोंक दी। आज सरकार बनाएं अल्पसंख्यक और पिछड़े और मलाई खाएं, वे 5 फीसदी अगड़े।’सीएम योगी के बयान पर हमला बोलते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि लड़ाई 80 बनाम 20 की नहीं है बल्कि 85 बनाम 15 की है। हम तो कहते हैं कि 85 तो हमारा है, 15 में भी बंटवारा है। यदि आप हिंदुओं के हमदर्द हैं तो फिर पिछड़ों, अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण पर क्यों डाका डालते हो। अभी-अभी 69 हजार शिक्षकों की भर्ती हुई। इनमें से 19 हजार ओबीसी और दलित सीटों पर सामान्य वर्ग के लोगों को ही नियुक्ति पत्र दे दिया। भाजपा लीडरशिप पर अटैक करते हुए कहा कि आपके पास जितने दांव हैं लगा लो। लेकिन मैं आपको पटकनी जरूरत दूंगा और भाजपा को खत्म करके रहूंगा। अब यूपी को आपके शोषण से मुक्त कराने का वक्त आ गया है।