ब्यूरो,
अमरुल्लाह सालेह अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति रहे हैं। काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से वह पंजशीर घाटी में थे। लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मौजूदा वक्त में वह तजाकिस्तान में रह रहे हैं। सालेह ने 49 दिनों के बाद ट्विटर पर तीन ट्वीट कर अपनी बात रखी है और पाकिस्तान को जमकर लताड़ा है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जे के ढाई महीने बाद के नतीजे-
जीडीपी में 30 फीसद की गिरावट (अनुमानित)
गरीबी का स्तर 90 फीसद
शरियत के नाम पर महिलाओं की घरेलू गुलामी
सिविल सर्विस डाउन
प्रेस/मीडिया/अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक
शहरी माध्यम वर्ग चले गए
बैंक ठप हैं
अमरुल्लाह सालेह ने आगे कहा है कि अफगानिस्तान कूटनीति का स्थान दोहा स्थानांतरित। अफगानिस्तान की विदेश और सुरक्षा से जुड़े फैसले अब रावलपिंडी से लिए जा रहे। तालिबान से अधिक शक्तिशाली एनजीओ हैं। पाकिस्तान सेना और हक्कानी ग्रुप ने आतंकियों को ट्रेनिंग देने में लगी हुई है।
अमरुल्लाह सालेह ने पाकिस्तान को लताड़ते हुए कहा है कि अफगानिस्तान बहुत बड़ा है जिसे पाकिस्तान निगल नहीं सकता है। ये वक्त की बात है। हम उन सभी मामलों में प्रतिरोध करेंगे जिसके कि हम हमारी सम्मान की रक्षा पाकिस्तानी आधिपत्य से कर सकें। ये वक्त की बात है लेकिन हम अफगानिस्तान के उदय को जरूर देखेंगे।