कोरोनावायरस वायरस का एक बड़ा परिवार है जो सामान्य सर्दी से लेकर गंभीर बीमारियों जैसे मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS-CoV) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS-CoV) का कारण बनता है। नोवेल कोरोनावायरस (nCoV) एक नया स्ट्रेन है जो इससे पहले मनुष्यों में नहीं पाया गया है।
2019 के नोवेल कोरोनावायरस (2019-nCoV) को अनौपचारिक रूप से वुहान कोरोनावायरस (Wuhan Corona Virus) के रूप में जाना जाता है जो एक संक्रामक वायरस है जो खतरनाक साँस के रोग के संक्रमण का कारण बनता है। यह चल रहे 2019-20 वुहान कोरोनावायरस के प्रकोप का कारण है।
नोवेल कोरोना वायरस का इतिहास
नोवेल कोरोनावायरस (2019-nCoV) का पहला ज्ञात मानव संक्रमण दिसंबर 2019 की शुरुआत में हुआ था। 2019-nCoV का प्रकोप पहली बार दिसंबर 2019 के मध्य में वुहान में पाया गया था, जो संभवतः एक संक्रमित जानवर से उत्पन्न होता है।
यह वायरस बाद में चीन के सभी प्रांतों और एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और ओशिनिया के दो दर्जन से अधिक देशों में फैल गया।
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि 17 मार्च २०२० तक लगभग ३२०० लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 80900 लोग मुख्य भूमि चीन में संक्रमित हैं।
भारत में कोरोना वायरस
भारत ने अब तक 150 से ज्यादा सकारात्मक मामले दर्ज किए हैं जिनमे से अबतक 5 लोगों की मृत्यु हो चुकी है |
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार – विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि भारतीयों को कोविद -19 कोरोनावायरस के प्रकोप से घबराने की जरूरत नहीं है। इंडिया टुडे के साथ बात करते हुए डब्लूएचओ के रीजनल इमर्जेंसी डायरेक्टर डॉ. रोड्रिको ओफ्रिन ने कहा कि भारतीयों को कोविद -19 कोरोनावायरस से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि भारत में पॉजिटिव टेस्ट किए जाने वाले मामले संक्रमित देशों से आने वाले लोग हैं| भारत में इसके प्रकोप की सम्भावना बहुत कम है |
दुनिया भर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या –
दुनिया भर में लगभग 203500 से ज्यादा लोग इस गंभीर बीमारी से संक्रमित हो चुके हैं, जिनमे से लगभग 82000 से ज्यादा लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं लेकिन दुर्भाग्यवश 8200 से ज्यादा लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है | बाकी बचे लोगों में लगभग 6500 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से बीमार हैं |(सोर्स – worldmeter.info)
कोरोनावायरस कैसे फैलता है
कोरोनावायरस संकर्मित व्यक्ति के खांसने और छीकने से एयर ड्रापलेट्स के ज़रिये एक से दुसरे व्यक्ति में फैलता है, ये एयर ड्रापलेट्स संकर्मित व्यक्ति के छीकने के बाद 6 मीटर की दुरी तक फैलते हैं|
इन सभी क्षेत्रों में वायरस के मानव-से-मानव प्रसार की पुष्टि की गई है। 30 जनवरी 2020, 2019-nCoV को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा एक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल(global health emergency) नामित किया जा चुका है।
कई शुरुआती मामलों को एक बड़े समुद्री भोजन और पशु बाजार से जोड़ा गया था, और वायरस को एक जूनोटिक मूल माना जाता है।
इस वायरस और अन्य वायरस के नमूनों के जेनेटिक सीक्वेंस की तुलना SARS-CoV (79.5%) और बैट कोरोनावायरसेस (96%) के समान है। इससे ये पता चलता है कि ये वायरस मूल रूप से चमगादड़ के ज़रिये फैलता है ,हालांकि ऐसा माना जाता है कि ये वायरस पैंगोलिन के ज़रिये भी फैल सकता है।
कोरोनावायरस ज़ूनोटिक हैं, जिसका अर्थ है कि ये जानवरो और लोगों के बीच संचारित होता हैं।
विस्तृत जांच में पाया गया कि SARS-CoV को केवेट बिल्लियों से मनुष्यों और MERS-CoV से ड्रोमेडरी ऊंटों से मनुष्यों में स्थानांतरित किया गया। कई ज्ञात कोरोनावायरस उन जानवरों में घूम रहे हैं जिन्होंने अभी तक मनुष्यों को संक्रमित नहीं किया है।
कोरोना वायरस के संकेत और लक्षण
संक्रमण के सामान्य लक्षणों में साँस संबंधी लक्षण, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। अधिक गंभीर मामलों में, संक्रमण से निमोनिया, सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम , गुर्दे का फेल होना और यहां तककि मृत्यु भी हो सकती है।