कैसे हो मरीजों का इलाज, 24 घंटे बाद भी फ्री जांच की सुविधा नहीं

ब्यूरो नेटवर्क

सरकार ने राज्य के छह जिलों में मरीजों को 24 घंटे निशुल्क जांच की सुविधा देने का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने तकरीबन एक माह पूर्व राजधानी के गांधी अस्पताल से इस योजना का शुभारंभ किया था। लेकिन योजना के तहत मरीजों को निशुल्क जांच की सुविधा देने के दावे हवाई साबित हो रहे हैं। अस्पतालों में मरीजों की न सभी जांचें फ्री हो पा रही हैं और न 24 घंटे ही यह सुविधा उपलब्ध है। ऐसे में मरीजों को पूर्व की ही भांति जांच के लिए पहले अस्पताल का पर्चा बनाकर बिल कटवाना पड़ रहा है और भुगतान के बाद ही जांच हो पा रही हैं। हां जो जांचे अस्पताल में नहीं होती वह जांचे जरूर एक निजी लैब की ओर से निशुल्क की जा रही हैं। लेकिन यह सुविधा केवल ओपीडी के समय ही मिल पा रही है।

राजधानी में मुफ्त नहीं हो रही सभी जांच राजधानी देहरादून के गांधी जिला अस्पताल में सभी पैथोलॉजी जांचें फ्री नहीं हो रहीं हैं। अस्पताल में जो जांचे पहले से ही उपलब्ध हैं उनके लिए आज भी मरीजों को पैसे देने पड़ रहे हैं। शुल्क जमा करने के बाद ही उनकी जांच हो पा रही हैं। हालांकि जो जांचें अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं वह एक निजी लैब की ओर से की जा रही है। लैब की ओर से अस्पताल में काउंटर लगाया गया है लेकिन यह काउंटर दो बजे तक ही काम कर रहा है। उसके बाद निजी जांच की सुविधा मरीजों को नहीं मिल पा रही है। राजधानी में गांधी अस्पताल के अलावा कोरोनेशन, रायपुर, प्रेमनगर, सहसपुर, डोईवाला, मसूरी अस्पतालों में यह योजना शुरू की गई है , लेकिन किसी भी अस्पताल में 24 घंटे सभी जांचें निशुल्क नहीं हो पा रही है। विकासनगर अस्पताल के सीएमएस का दावा है कि अस्पताल में सभी जांचें 24 घंटे निशुल्क हो रही हैं। जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ शिखा जंगपांगी ने बताया कि गाइडलाइन के अनुसार ही सुबह 11 बजे तक अस्पताल की लैब में जांच होती है। जो जांच हमारे यहां उपलब्ध नहीं है वह जांच निजी लैब से कराई जा रही हैं। 

नैनीताल के बीडी पांडे अस्पताल में निशुल्क योजना के तहत 207 में से केवल 125 जांच ही फ्री हो पा रही हैं। अस्पताल में पहले से उपलब्ध जांच फीस देकर ही पूर्व की भांति हो रही है। जो जांच अस्पताल में नहीं होती वह निजी लैब की ओर से निशुल्क की जा रही है। जांच की सुविधा शाम पांच बजे बंद हो रही है। आयुष्मान कार्ड व बीपीएल मरीजों की पैथोलॉजी जांच निशुल्क है। 

अल्मोड़ा और टिहरी जिले के चार अस्पतालों में निशुल्क जांच की सुविधा शुरू हो गई है। इन अस्पतालों में निजी लैब की ओर से जांच निशुल्क की जा रही है। लेकिन जांच की सुविधा मरीजों को सुबह 8 बजे से दिन में दो बजे तक ही मिल पा रही है। 24 घंटे जांच की सुविधा केवल इमरजेंसी मरीजों को ही मिल पा रही है। 

यूएस नगर जिले के सरकारी अस्पतालों काशीपुर में 85, रुद्रपुर में 55, बाजपुर में 56 जांच फ्री हो रही हैं। सितारगंज में जांच के लिए मरीज भटक रहे हैं। जांच कर्मी से जब पूछा गया कि कितनी जांच निशुल्क हैं तो उन्होंने जानकारी से ही इंकार कर दिया। ओपीडी के समय पर ही जांच करने वाले गायब मिले। 

रुड़की सिविल अस्पताल में आम मरीज को जांच के बदले भुगतान करना पड़ रहा है। अस्पताल में गोल्डन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, गर्भवती महिला, नवजात शिशु, एक वर्ष तक के बच्चे, थैलीसीमिया के मरीज, एचआईवी पीड़ित व्यक्ति के लिए जांच फ्री है। लेकिन अन्य लोगों से अस्पताल में जांच के बदले पैसे लिए जा रहे हैं। 

हरिद्वार में भी मरीजों को 24 घंटे निशुल्क जांच की सुविधा नहीं मिल पा रही है। हरिद्वार अस्पताल में सुबह 11:30 बजे के बाद निशुल्क जांच की सुविधा शुरू हो रही है और दो बजे लैब बंद हो जा रही है। निजी लैब संचालकों ने बताया कि अस्पताल प्रशासन उन्हें सुबह जांच नहीं करने दे रहा है। 

निशुल्क जांच योजना के तहत उन जांचों पर फोकस है जो खासी महंगी हैं और सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं होती। प्राइवेट लैब इन जांचों को निशुल्क कर रही है। जो जांच पहले से ही अस्पताल में होती है उनका शुल्क मरीजों को पूर्व की ही भांति देना होगा। निजी लैब को 24 घंटे निशुल्क जांच की सुविधा देने को कहा गया है। ओपीडी टाइम के बाद के लिए अस्पतालों में काउंटर बनाने के साथ ही नम्बर चिपकाने को कहा गया है।

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