तेज वाहन चलाने वाले चालकों को चालान से जुड़े विवाद को निपटाने के लिए पुलिस और अदालतों के चक्कर नहीं काटने होंगे। कैमरों से होने वाले चालान का निपटारा करने के लिए राजधानी में बुधवार से दो वर्चुअल कोर्ट शुरू होने जा रहा है।
तकनीक का इस्तेमाल कर लोगों को त्वरित न्याय देने में दिल्ली की अदालतों में बुधवार से अब एक और नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। उच्च न्यायालय ने पिछले साल यातायात नियमों की अनदेखी के ई-चलान का निपटारा करने के लिए शुरू किए गए वर्चुअल कोर्ट की सफलता के बाद अब दो और नए वर्चुअल कोर्ट शुरू करने जा रही है।
सर्वोच्च न्यायालय के ई-कमेटी की देखरेख में उच्च न्यायालय की आईटी टीम बुधवार से जिला अदालत में दोनों वर्चुअल कोर्ट काम करना शुरू कर देगी। इसका उद्घाटन समारोह भी ऑनलाइन आयोजित किया जा रहा है। दिल्ली यातायात पुलिस भी कोर्ट की इस परियोजना में सहभागिता निभा रही है। बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और ई-कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ वेबनियार के जरिए ई-उद्घाटन करेंगे। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश व आईटी कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस राजीव शकधर ऑनलाइन रहेंगे। कैमरों से चालान होने पर जानकारी वर्चुअल कोर्ट में जाएगी। वर्चुअल कोर्ट में तैनात मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के कंप्यूटर के डैशबोर्ड पर यह दिखेगा। न्यायाधीश नियमों की अनदेखी करने वाले चालान को विशेष समन भेजेगा जो कि उनके पंजीकृत फोन पर आएगा, जिसमें एक लिंक होगा, जिसके जरिये भुगतान करना होगा। पिछले साल चालान का निपटारा करने के लिए शुरू किए गए वर्चुअल कोर्ट में सात मई, 2020 तक 7 लाख 30 ई-चलान का निपटारा किया गया।
उच्च न्यायालय ने बताया है कि मोबाइल पर समन मिलने के बाद यह विकल्प होगा कि वह चाहे तो चलान का भुगतान कर दे। चालान का जुर्माना ऑनलाइन जमा करने पर यह मामला समाप्त हो जाएगा। यदि चालक को लगता है कि उन्हें गलत चालान भेजा है तो उन्हें मामले में पक्ष रखने/ सामना करने का भी मौका दिया जाएगा। यदि कोई यह विकल्प चुनता है कि उन्हें गलत चलान भेजा गया है तो उनका मामला फिर नियमित अदालत में भेज दिया जाएगा।