दिल्ली में मंगलवार को लॉकडाउन के 50 दिन पूरे हो गए हैं। इन 50 दिनों में वायरस के मामलों में 254 गुना वृद्धि हुई है। लॉकडाउन से पहले 24 मार्च तक संक्रमण के 30 मामले सामने आए थे। इसके अगले 50 दिनों में 12 मई तक संक्रमित मामलों की संख्या 30 से बढ़कर 7639 हो गई है। यानी 50 दिनों में कुल 7609 मामले बढ़े। दिल्ली में कोरोना संक्रमण के कुल मामलों के 99.6% मामले लॉकडाउन के इन्हीं 50 दिनों में सामने आए हैं।
लॉकडाउन से पहले 24 मार्च तक दिल्ली में सिर्फ एक कोरोना पीड़ित ने अपनी जान गंवाई थी। 12 मई तक यह संख्या बढ़कर 86 हो चुकी है। हालांकि, दूसरे लॉकडाउन के पहले 16 दिनों में 30 अप्रैल तक कोरोना से मौत के 29 मामले बढ़े और मरने वालों की संख्या 59 हो थी। पहले लॉकडाउन में भी 29 लोगों की मौत हुई थी।
कोरोना को रोकने के लिए करीब 100 कंटेनमेंट क्षेत्र बनाए गए। पहले लॉकडाउन यानी 14 अप्रैल तक 52 कंटेनमेंट क्षेत्र थे, लेकिन 29 अप्रैल तक इनकी संख्या बढ़कर 100 हो गई। हालांकि, अभी सिर्फ 82 कंटेनमेंट क्षेत्र बचे हैं।
लॉकडाउन से पहले कोरोना से पीड़ित संक्रमित मरीजों को अस्पताल में ही आइसोलेशन में रखा जाता था। कोरोना का प्रकोप बढ़ने और साथ ही मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद हल्के लक्षण वाले मरीजों को कुछ शर्तों के साथ घरों में ही आइसोलेशन में रहने की सरकार की ओर से अनुमति मिल गई। 12 मई तक 1073 कोरोना संक्रमित मरीज अपने घरों में ही आइसोलेशन में रहकर अपना इलाज करा रहे हैं।
बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हो चुकी थीं। किताब, कॉपी व पेंसिल को लेकर बच्चों व अभिभावकों के सामने दिक्कत थी। सरकार ने बुक स्टोर खोलने की मंजूरी दी। पैथोलॉजी लैब, निजी क्लीनिक खोलने की मंजूरी भी दी गई। हालांकि, इसके साथ सरकार ने दूसरे चरण में मास्क लगाना अनिवार्य करने के साथ इधर-उधर थूकने पर जुर्माने का प्रावधान कर दिया। कार में अधिकतम दो और बाइक पर सिर्फ एक लोगों के सफर करने की छूट दी।
दूसरे चरण के लॉकडाउन से कोरोना मरीजों और हॉट स्पॉट की बढ़ती संख्या के बीच सरकार से फौरी राहत मिली। कुछ नई पाबंदियां भी हैं। पहले चरण में जहा सिर्फ जरूरी सामान की दुकानों को खोलने की मंजूरी थी, वहीं दूसरे चरण के लॉकडाउन में सरकार ने रिहायशी इलाकों में स्थित हर तरह की दुकानों को खोलने की मंजूरी दी। साथ ही इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर को भी काम करने की मंजूरी दी। पहले चरण में सिर्फ जरूरी सामान की दुकानों के अलावा कोई छूट नहीं थी।