ब्यूरो,
लखनऊ की तर्ज पर गोरखपुर नगर निगम भी बाजार से फंड जुटाने के लिए बांड जारी करेगा। इसे लेकर निगम प्रशासन एचडीएफसी बैंक से करार करेगा। लखनऊ नगर निगम ने भी इसी बैंक से करार किया है। दीवाली तक नगर निगम का बांड जारी किये जाने की उम्मीद है। निगम 100 से 150 करोड़ रुपये का बांड जारी कर सकता है।
नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने होमवर्क पूरा करने के बाद एचडीएफसी से बातचीत शुरू कर दी है। बांड निकालने के लिए बैंक से करार जरूरी है। बैंक के साथ निगम के अधिकारी विधिक प्रावधानों को पूरा करने में जुट गए हैं। बांड के जरिए मिलने वाले फंड का इस्तेमाल शहर के विकास पर होगा। जानकारों के अनुसार कारपोरेट बांड के बजाय सरकारी बांड सुरक्षित माने जाते हैं। 2015 में सेबी ने शहरी निकायों को बांड जारी के लिए दिशा निर्देश दिया है।
नगर निगम बॉन्ड एक तरह का लेटर ऑफ क्रेडिट होता है। जिसके तहत आम लोगों या संस्थाओं से पैसे जुटाए जाते हैं। बॉन्ड जारी करने वाली संस्था एक निश्चित समय के लिए रकम उधार लेती है, और निश्चित रिटर्न के साथ पैसे वापस करने की गारंटी देती है। बांड में पैसा लगाने वाले को परिपक्वता अवधि पूरी होने पर सालाना ब्याज मिलेगा। बांड पर मिल रहा रिटर्न पूरी तरह से आयकर मुक्त होता है।
लखनऊ नगर निगम की तर्ज पर गोरखपुर भी बांड जारी करेगा। इसे लेकर एचडीएफसी बैंक से बातचीत की जा रही है। इसी बैंक से लखनऊ निगम का भी करार हुआ है। औपचारिकता पूरी कर इसे जल्द जमीन पर उतारने की योजना है। बांड कितने रकम का जारी होगा इसे लेकर बातचीत चल रही है।
अविनाश सिंह, नगर आयुक्त