ब्यूरो,
आगामी 21 जुलाई को देशभर में ईद-उल-अजहा का त्यौहार मनाया जायेगा. कोरोना काल की वजह से सरकार ने ईद की नमाज़ के लिए गाइडलाइन जारी की है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए बकरीद ईद के लिए इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया फरंगी महल की ओर से एडवाइजरी जारी की गई. अन्तर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन के सुरक्षा के उपायों और सरकार के बन्दोबस्त के तहत यह एडवाइजरी बनाई गई है।
इस्लामिक सेंटर के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा है की ईद का त्यौहार शांतिपूर्ण तरीके से मनाया जाए. ईद का त्यौहार भाईचारे का त्यौहार है. ईद के दिन गुस्ल करना, अच्छे कपड़े पहनना, खुशबू तेल और सुर्मा लगाना सुन्नत यही. ईदगाहों और मस्जिदों में नमाज़ के दौरान प्रशासन द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार सिर्फ 50 लोग ही नमाज अदा करना सुनिश्चित करे. देश की अमन-शांति के लिए दुआ करें. नमाज़ में दुआ करे की जल्द पूरे विश्व को कोरोना संक्रमण से निजाद मिले.
मौलाना खालिद फरंगी महली ने सख्त हिदायत के नमाज में भी मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ख्याल रखा जाए. उन्होंने बताया कि ईद की नमाज के बाद खुतबा पढ़ना सुन्नत है और ईद सभी मुसलमान भाइयों को नमाज़ से पहले खुत्बा पड़ना चाहिए. अगर खुतबा याद न हो तो पहले खुतबे में सूरह फातिहा और सूरह अखलास पढ़े और दूसरे खुतबे में दुरूद शरीफ के साथ कोई दुआ अरबी में पढ़े.
इन बातों का भी ख्याल रखे
बकरीद के दिन न किसी से हाथ मिलाएं और न गले मिले।
हर साहिब-ए-हैसियत मुसलमान पर कुर्बानी करना वाजिब है।
जिन इलाकों में कानूनी बन्दिशें हैं या कोशिशों के बावुजूद भी जानवर नही हासिल हो पा रहे हैं तो वह लोग अपनी रकम दूसरी जगह भेज कर कुर्बानी करा लें। अगर किसी वजह से दूसरी जगह कुर्बानी नहीं हो सकी तो कुर्बानी के दिनों के बाद कुर्बानी की कीमत के बराबर रकम गरीबों को देना वाजिब है।
जो लोग अपनी कुर्बानी के साथ हर साल नफली कुर्बानियां कराते थे वह मौजूदा महामारी से पैदा हालात को देखते हुए उतना पैसा गरीबों को दे दें या मदरसों में दे दें।
हमेशा की तरह उन्हीं जानवरों की कुर्बानी की जाए जिन पर कोई कानूनी पाबन्दी नहीं है।
कुर्बानी के स्थानों पर सैनेटाइजेशन, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग पर जरूर अमल किया जाए।
सड़क के किनारे, गली और पब्लिक स्थानों पर कुर्बानी न की जाए।
जानवरों की गन्दगी रास्तों या पब्लिक स्थानों पर न फेंके बल्कि नगर निगम के कूड़ेदानों का ही का प्रयोग करें।
कुर्बानी के जानवरों का खून नालियों में न बहायें।
जानवर के गोश्त की तकसीम अच्छी तरह पैक करके करें।
गोश्त का तिहाई हिस्सा गरीबों और जरूरतमन्दों को जरूर दिया जाए।
कुर्बानी करते समय फोटो या वीडियो न बनाएं और न सोशल मीडिया पर अपलोड करें।
जानवर की खालें खुदा की राह में सदका करें।
नमाज के बाद कोविड-19 के जल्द खात्मे, पूरी दुनिया में अमन व अमान के लिए दुआ करें।