मंत्रियों को अब अलग-अलग कैबिनेट समितियों में भी जगह दी गई

मंत्री पद के बाद अहम कैबिनेट समितियों में भी स्मृति इरानी, भूपेंद्र यादव और सिंधिया को मिली जगह

पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के कैबिनेट विस्तार में जगह पाने वाले मंत्रियों को अब अलग-अलग कैबिनेट समितियों में भी जगह दी गई है। सोमवार को इन कैबिनेट समितियों का पुनर्गठन हुआ है, जिनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्बानंद सोनोवाल और मनसुख मांडविया को जगह दी गई है। राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति में भूपेंद्र यादव, सर्बानंद सोनोवाल और मनसुख मांडविया को जगह दी गई है। इसके अलावा गिरिराज सिंह और स्मृति इरानी भी इस समिति का हिस्सा हैं। इन नेताओं को रामविलास पासवान, रविशंकर प्रसाद और हर्षवर्धन जैसे नेताओं की जगह पर शामिल किया गया है। 

केंद्र और राज्य सरकार से जुड़े मामलों में इस समिति की अहम भूमिका होती है। इसके अलावा आर्थिक और राजनीतिक मामलों पर फैसला लेने में भी इस समिति की राय अहम होती है। इसके अलावा इन्वेस्टमेंट और ग्रोथ पर निगरानी रखने वाली समिति में ज्योतिरादित्य सिंधिया, नारायण राणे और अश्विनी वैष्णव को शामिल किया गया है। यह समिति महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को समयबद्ध पूरा करने और अन्य कामों पर नजर रखती है। 1,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक के निवेश के मामलों पर यह कमिटी फैसला लेती है। यह कमिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग और अन्य मामलों पर फैसले लेती है।

मोदी सरकार की ओर से 2019 में दो नई समितियों का गठन किया गया था- इन्वेस्टमेंट और ग्रोथ एवं रोजगार एवं स्किल डिवेलपमेंट। अश्विनी वैष्णव और भूपेंद्र यादव को रोजगार एवं स्किल डिवेलपमेंट पर बनी कमिटी में शामिल किया गया है। संसदीय मामलों पर की कैबिनेट कमिटी में नए बने कानून मंत्री किरेन रिजिजू, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार और आदिवासी मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा को शामिल किया गया है। यह समिति संसद सत्रों के शेड्यूल और पेश किए जाने वाले बिलों को लेकर फैसला लेती है।  

कैबिनेट की नियुक्ति समिति में पीएम नरेंद्र मोदी, होम मिनिस्टर अमित शाह भी शामिल हैं। इसके अलावा आर्थिक मामलों की समिति में भी पीएम नरेंद्र मोदी हैं। उनके अलावा राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, नितिन गडकरी और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को भी इसमें शामिल किया गया है। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी इस समिति का हिस्सा हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *