प्रतापगढ़ ब्लॉक प्रमुख चुनाव: राजा भैया के इलाके में दस साल बाद वोटिंग

ब्यूरो,

जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) के राजनीति में कदम रखने से लेकर अब तक कुंडा, कालाकांकर, बाबागंज और बिहार ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी पर उनके समर्थकों का ही कब्जा रहा। इस बार कुंडा, कालाकांकर व बाबागंज में चुनाव होने जा रहा है। इस बार राजा भैया के रसूख को सपा ने चुनौती दी है। इस चुनौती का परिणाम क्या होगा, यह शनिवार शाम को पता चलेगा। 

कुंडा ब्लॉक

राजा भैया के 1993 में राजनीति में कदम रखने के बाद 1995 से तहसील के चारों ब्लॉकों में इनके समर्थकों का ही प्रमुख की कुर्सी पर कब्जा रहा। कुंडा ब्लॉक में 1995 में पहली बार रामसजीवन पटेल निर्विरोध, 2000 में राम कृपाल सरोज निर्विरोध, 2005 में अरुणा सिंह निर्विरोध ब्लाक प्रमुख चुनीं गईं। 2010 में बसपा सरकार के दौरान हुए ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में राजा भैया समर्थक संतोष सिंह, बसपा के दिलीप तिवारी को हराकर ब्लॉक प्रमुख बने थे। 2015 में पुन: संतोष सिंह निर्विरोध चुने गए। इस बार संतोष की पत्नी रीता सिंह चुनाव मैदान में हैं लेकिन उन्हें सपा समेत दो उम्मीदवारों ने चुनौती दी है।

बाबागंज ब्लॉक

यहां 1995 में विश्वम्भर सरोज निर्विरोध, 2000 और 2005 लगातार दो बार उमाशंकर यादव निर्विरोध चुने गए थे। 2010 के चुनाव में बसपा से मनोज शुक्ला चुनाव जीते लेकिन ढाई साल में ही अविश्वास प्रस्ताव आने से उनको प्रमुख पद से हटना पड़ा। 4 जनवरी 2013 को पंकज सिंह निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख बने। वर्ष 2015 में पंकज सिंह की पत्नी बिन्दू सिंह निर्विरोध चुनी गईं लेकिन इस बार यहां भाजपा ने प्रत्याशी उतराकर टक्कर दी है। 

कालाकांकर ब्लॉक

इसी तरह कालाकांकर में 1995 में संतराम चुनाव लड़कर ब्लॉक प्रमुख बने, 2000 में श्यामा देवी चुनाव जीतकर प्रमुख बनी, 2005 में रामफल निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख बने। 2010 में बीएन सिंह बसपा के ननका मौर्या को चुनाव हराकर ब्लाक प्रमुख बने थे। 2015 में भी बीएन सिंह निर्विरोध ब्लाक प्रमुख चुने गए। मगर, इस बार यहां भाजपा ने उन्हें चुनौती दी है। 


बिहार में इस बार भी निर्विरोध प्रमुख 

वर्ष 1995 में बिहार ब्लॉक में छेदीलाल सरोज रामनाथ को हराकर ब्लाक प्रमुख बने थे। 2000 में नीलम सिंह निर्विरोध हुई थीं। 2005 में प्रफुल्ल सिंह ब्लॉक प्रमुख चुने गए थे। 2010 में बसपा के राधेश्याम मौर्या प्रफुल्ल सिंह को तीन मतों से हराकर ब्लॉक प्रमुख बने थे, लेकिन ढाई साल में ही अविश्वास प्रस्ताव आने से उनको हटना पड़ा था। फिर प्रफुल्ल सिंह निर्विरोध चुने गए थे। 2015 में अनुभव यादव निर्विरोध ब्लाक प्रमुख बने। अब वर्ष 2021 में भी जनसत्तादल समर्थित प्रत्याशी सुशीला देवी निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख चुनी गईं। 

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