गौसेवा के लिए पद्मश्री से सम्मानित जर्मनी की फ्रेडिरिक इरिना ब्रूनिंग उर्फ सुदेवी दासी (61 वर्षीय) को मथुरा में अपनी गौशाला खाली करने के लिए धमकियां मिल रही हैं। इरिना ने यूपी पुलिस से सुरक्षा और न्याय की गुहार लगाई है। इरिना पिछले करीब 30 साल से निराश्रित गौवंश की सेवा के लिए गौशाला चला रही हैं। गोवर्धन थाना क्षेत्र के राधाकुंड कस्बे के पास स्थित उनकी सुरभि गोशाला में करीब ढाई हजार गौवंश है।
इरिना की गौशाला में निराश्रित गौवंश की सेवा, नि:शुल्क चिकित्सा चिकित्सा और चारे की व्यवस्था रहती है। गौशाला करीब तीन एकड़ में बनी है। उनकी सेवा से प्रभावित होकर भारत सरकार उन्हें पद्मश्री से सम्मानित कर चुकी है। उनका आरोप है कि अब गांव के कुछ लोग उनसे गौशाला खाली कराना चाहते हैं। वे उन पर दबाव बना रहे हैं और धमकी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें जान से मारने की धमकी भी मिल चुकी है। आए दिन वे गौशाला में आकर तोड़फोड़ करते हैं। इस बारे में कई बार अधिकारियों से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब इरिना ने एसएसपी ऑफिस में जाकर न्याय की गुहार लगाई है।
अपनी शिकायत में इरिना उर्फ सुदेवी दासी ने बताया कि अक्टूबर 2020 में उनके यहां अतिक्रमण की कोशिश की गई थी। तब आरोपियों ने उनके कर्मचारियों से झगड़ा किया और हवा में असलहे लहराकर धमकियां दीं। इसी तरह की घटना पिछले साल दिसम्बर में भी हुई। तब उन्होंने एक कर्मचारी को बचाने की कोशिश की तो आरोपी ने उन्हें भी गालियां और जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने रंगदारी की मांग करते हुए आगे भी हमला करने की धमकी दी। सुदेवी दासी ने कहा कि आरोपी ने इसी तरह का दृश्य 25 मई को भी उत्पन्न किया। उन्होंने जनवरी में मथुरा के एसएसपी से दो बार इस मामले की शिकायत की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। सुदेवी दासी ने आरोप लगाया कि अराजक तत्वों ने उनके यहां हमला करके गौशाला में लगे सीसीटीवी कैमरों को भी तोड़ दिया।
एसपी सिटी मार्तण्ड प्रकाश सिंह ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि इस मामले में एक एफआईआर दर्ज करके जांच की जा रही है। एफआईआर आईपीसी की धारा 147, 452 और 386 के तहत दर्ज है। एफआईआर के आधार पर जांच में आरोपियों के तौर पर गिरधरलाल शर्मा, संजय शर्मा, कान्हा शर्मा, प्रीति शर्मा ओर छह अन्य की पहचान की गई है।
सुदेवी दासी सबसे पहले 1978 में एक पर्यटक के तौर पर भारत आई थीं। वह यहां सामाजिक कार्यों में लग गईं। पश्चिमी यूपी के ब्रज क्षेत्र में वह गौवंश की सेवा के लिए चार दशकों से उल्लेखनीय काम कर रही हैं। 2019 में उन्होंने वीजा अवधि न बढ़ाए जाने पर अपना पद्मश्री अवार्ड वापस करने की चेतावनी दी थी। इसके बाद तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उनके मामले में हस्तक्षेप करते हुए समाधान कराया था।
एसएसपी ने दिया कार्रवाई का भरोसा
इरिना उर्फ सुदेवी दासी के मामले में जिले के प्रभारी एसएसपी कमल किशोर ने जांच कराकर कार्रवाई करने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि जर्मन महिला की शिकायत पर एसडीएम गोवर्धन और सीओ गोवर्धन को जांच करने के लिए कहा गया है। उन्होंने इन्हें बुलाया था लेकिन ये वहां नहीं गईं। उन्होंने बताया कि पीड़ित महिला से एसडीएम और सीओ के सामने अपना पक्ष रखने को कहा गया है ताकि मामले की जांच कर कार्रवाई की जा सके।