पश्चिम बंगाल में बीजेपी को लगा एक और झटका – अलीपुरद्वार के पार्टी के जिलाध्यक्ष गंगा प्रसाद शर्मा ने थामा TMC का दामन

पश्चिम बंगाल में बीजेपी को एक और झटका लगा है। अलीपुरद्वार के पार्टी के जिलाध्यक्ष गंगा प्रसाद शर्मा ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है। वह सोमवार दोपहर को मुकुल रॉय समेत टीएमसी के कई सीनियर नेताओं की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए। उनके साथ जिले के कई और नेता टीएमसी में शामिल हुए हैं। गंगा प्रसाद शर्मा 2015 से ही जिले में बीजेपी के अध्यक्ष के तौर पर काम कर रहे थे। हालिया विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस जिले में शानदार प्रदर्शन किया था और सभी 5 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन अब शर्मा का बीजेपी छोड़ना बड़ा झटका है। 

शर्मा के टीएमसी जॉइन करने के दौरान मुकुल रॉय का मौजूद रहना बताता है कि इसमें उनकी भी अहम भूमिका हो सकती है। मुकुल रॉय ने 2017 में जब बीजेपी का दामन थामा था तो बड़ी संख्या में टीएमसी के नेताओं ने भगवा दल जॉइन किया था। ऐसे में अब उनके एक बार फिर से टीएमसी में जाने से बड़ी संख्या में नेताओं के बीजेपी छोड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं। शर्मा के टीएमसी जॉइन करने के मौके पर मुकुल रॉय ने कहा कि बीजेपी ने उत्तर बंगाल से ही सबसे ज्यादा सीटें 2019 के लोकसभा चुनाव और अब हुए विधानसभा चुनाव में जीती थीं। ऐसे में यहां से नेताओं का छोड़ना बंगाल से बीजेपी के खात्मे की शुरुआत है।  

बीजेपी छोड़ते हुए गंगा प्रसाद शर्मा ने कहा कि पार्टी की लीडरशिप जिले में किसी भी फैसले से पहले सुनती नहीं थी। एकतरफा फैसले लिए जाते थे। शर्मा ने कहा कि मैंने कई महीने पहले ही बीजेपी छोड़ने का फैसला ले लिया था, लेकिन चुनाव के चलते ऐसा नहीं किया। शर्मा ने कहा कि बीजेपी पर उत्तर बंगाल के लोगों ने भरोसा जताया है, लेकिन वह उनकी उम्मीदों को पूरा करने में खरा नहीं उतर पाई है। अलीपुरद्वार जिले के अध्यक्ष का बीजेपी छोड़ने मुकुल रॉय की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। इसी महीने की शुरुआत में मुकुल रॉय ने टीएमसी का दामन था। खुद सीएम ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी इस मौके पर मौजूद थे।

टीएमसी जॉइन करते हुए गंगा प्रसाद शर्मा ने बीजेपी लीडरशिप पर भी हमला बोला। शर्मा ने कहा, ‘पुराने पार्टी कार्यकर्ताओं को बीजेपी में सम्मान नहीं मिल रहा था। निर्णय लेने की प्रक्रिया में वहां मतभेद थे। 2 से 3 लोग ही वहां सारे टिकट बांट रहे थे। कैलाश विजयवर्गीय उनमें से एक रहे हैं। पार्टी की मौजूदा स्थिति और हार के लिए उन्हें जवाब देना चाहिए। उन्हें पार्टी के महासचिव के पद से इस्तीफा देना चाहिए।’ बता दें कि बंगाल में बीजेपी को उम्मीद से कम सीटें मिलने को लेकर भी अंदरखाने हलचल मची है। वरिष्ठ नेता तथागत रॉय समेत कई लीडर पार्टी के ही कुछ वरिष्ठ नेताओं पर इसके लिए निशाना साध रहे हैं।

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