यूपी के गाजियाबाद जिले में मुस्लिम बुजुर्ग के साथ हुई हिंसा का मामले में ट्विटर की परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं। वायरल वीडियो के मामले में ट्विटर ने पुलिस से कहा कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूछताछ के लिए उपलब्ध होने को तैयार हैं। लेकिन ट्विटर के अधिकारियों के जवाब से पुलिस संतुष्ट नहीं है और उसका कहना है कि वह फिर ने नोटिस भेजेगी। बता दें कि इस मामले में गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर समेत 9 लोगों के खिलाफ अलग एफआईआर दर्ज की थी। इसमें समाचार वेबसाइट द वायर को नोटिस भेजा जा चुका है और दूसरों को भी नोटिस भेजनी की तैयारी चल रही है।
गाजियाबाद पुलिस ने मुस्लिम बुजुर्ग के साथ हिंसा के मामले में सांप्रदायिक अशांति फैलााने के लिए ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक को कानूनी नोटिस भेजा था। यह नोटिस भारत के ट्विटर प्रबंध निदेशक मनीष माहेश्वरी को भेजा गया था जिसमें उन्हें उसके मिलने के एक सपताह के अंदर बयान दर्ज कराने के लिए लोनी थाने बुलाया गया था।
गाजियाबाद पुलिस द्वारा जारी किए गए नोटिस में बताया गया था कि लोनी थआने में ट्विटर इंडिया के खिलाफ कई धाराओं के तहत केस दर्ज है। जिसमें बताया गया कि ट्विटर के जरिए कुछ लोगों ने समाज में नफरत फैलाने का काम किया और ट्विटर ने इसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया।
ऑनलाइन न्यूज पब्लिशिंग प्लेटफार्मों के लिए सरकार के नए नियम लागू होने के बाद सोशल मीडिया दिग्गज के खिलाफ यह पहला मामला है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा था, “यूपी में जो हुआ वह फर्जी खबरों से लड़ने में ट्विटर की मनमानी को दर्शाता है।”
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में दावा किया गया था कि एक मुस्लिम बुजुर्ग की कनपटी पर तमंचा रखकर जय श्रीराम का नारा लगवाया गया और बुजुर्ग की दाढ़ी भी काट दी। लेकिन पुलिस ने कहा कि इस मामले को जबरदस्ती सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई। यह घटना 5 जून को हुई थी और पुलिस में दो दिन की देरी के बाद शिकायत दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने बताया कि उन्होंने एफआईआर दर्ज कर ली थी और इस मामले में एक व्यक्ति परवेश गुर्जर को घटना में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
पुलिस का कहना है कि इस पूरी घटना के पीछे की वजह तांत्रिक साधना है। पीड़ित बुजुर्ग ने आरोपी को कुछ ताबीज दिए थे जिनके परिणाम न मिलने पर नाराज आरोपी ने इस घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने यह भी बताया कि पीड़ित ने अपनी FIR में जय श्री राम के नारे लगवाने और दाढ़ी काटने की बात दर्ज नहीं कराई है।