गला खराब हो तो घबरायें नहीं, चिकित्सक को दिखायें
वाराणसी।
वर्तमान में गले की खराश अथवा जुकाम के साथ सिरदर्द की समस्या कोरोना के बजाय कुछ और भी हो सकता है। इसलिए घबराने के बजाय चिकित्सक से लें सलाह और रहें सतर्क यह कहना है कबीरचौरा स्थित एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय के वरिष्ठ परामर्शदाता नाक कान एवं गला विशेषज्ञ डॉ हरिचरन सिंह का ।
उन्होने बताया कि समय के साथ कोरोना संक्रमण के लक्षणों में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। विगत वर्ष तक इसके अधिसंख्य मामलों में ज़्यादातर वे लोग चपेट में आ रहे थे जो 50 वर्ष से अधिक उम्र के थे या फिर हाई ब्लड-प्रेशर, कार्डियक डिजीज, डाइबिटीज जैसी समस्याओं से ग्रसित थे। लेकिन अब यह भ्रम टूट रहा है। जरा सी असावधानी में संक्रमण की इस लहर में हर उम्र के लोग इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। ऐसे में गंभीरता के साथ एहतियात बरतने की जरूरत है। निगलने में दर्द होना, गले में खराश होना, गले में दर्द में होना या जुकाम होने जैसी समस्या है तो यह जरूरी नहीं है कि यह कोरोना का ही संक्रमण हो। ये समस्याएँ सायनस, मौसमी एलर्जी, ठंडे-गरम वातावरण में रहने तथा गलत खान-पान के कारण भी हो जाती है। इस तरह की समस्या होने पर घबराने या छुपाने के बजाय चिकित्सक से संपर्क करें, क्योंकि इस संक्रमण काल में बिना जांच के कुछ भी कह पाना उचित नहीं है।
कई संक्रमण हैं एक साथ – इन दिनों वायरस और बैक्टीरिया सक्रिय हैं। जिसके कारण गला खराब होना, अचानक से छींके शुरू हो जाना, नाक में खुजली होना, नाक का नम रहना आदि समस्याएँ हो सकती हैं। कोविड-19 के लक्षणों में भी जुकाम, खांसी, गले में खराश और सांस लेने की समस्या होती है।
जुकाम व खांसी के और भी हैं कारण – जिन लोगों को साइनोसायटिस, अस्थमा, एलर्जी या एसिडिटी की परेशानी है, उन्हें भी अक्सर जुकाम व निगलने में दर्द होने की समस्या हो जाती है। इसके अलावा इस मौसम में अधिक गर्मी के कारण उल्टी होना भी सामान्य बात है। इस कारण भी गले में खराश व बलगम बन सकता है। इसलिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। सतर्क रहें और समय से अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल या चिकित्सक से तत्काल संपर्क करें।
इसे अवश्य अपनाएँ –
1- मनोबल मजबूत बनायें रखें।
2- व्यायाम व खान-पान का विशेष ध्यान रखें जिससे रोगप्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहे।
3- बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें।
4- दो गज की दूरी बरकरार रखें और समय-समय पर हाथ को साबुन से धोएँ या सेनेटाइज करें।
5- अचानक निगलने में दर्द होने पर या फिर सुनाई न देने की समस्या हो तो चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
6- तीन दिन से अधिक बुखार, खांसी या जुकाम है तो गंभीरते से लें और जांच करायें।