कोविड संक्रमण कम होने के साथ ही तीर्थ पुरोहितों ने चारधाम यात्रा प्रारंभ करने पर जोर दिया है। हालांकि वो पूरी तरह स्वस्थ यात्रियों को ही धाम में आने की अनुमति देना चाहते हैं। चार धाम यात्रा शुरू करने को लेकर सरकार की तैयारियों के बीच तीर्थ पुरोहितों में यात्रा फिर शुरू होने की उम्मीद जगी है। श्री पंच मंदिर समिति गंगोत्री के सचिव सुरेश सेमवाल के मुताबिक अब यात्रा सीमित स्तर पर शुरू की जा सकती है। यात्रा पर गढ़वाल क्षेत्र में हजारों लोगों की आजीविका भी निर्भर है। सेमवाल के मुताबिक सरकार चाहे तो यात्रियों के लिए आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य कर दे।
श्री यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल के मुताबिक अब कोविड काफी कम हो गया है। इसलिए प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराते हुए, यात्रा शुरू की जानी चाहिए। उनियाल के मुताबिक धाम में फिलहाल संक्रमण का एक भी मामला नहीं है। इधर, केदारसभा केदारनाथ के अध्यक्ष विनोद शुक्ला के मुताबिक यात्रा के साथ साथ सरकार धामों में स्वास्थ्य सुविधाओं को भी मजबूत बनाए। उन्होंने कहा कि केदारनाथ में अभी कोविड से निपटने के इंतजाम नहीं है, ऐसे में यदि यहां कोई व्यक्ति बीमार पड़ गया तो उपचार कहां से मिलेगा, इस पर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है। पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ ही यात्रा शुरू की जाए।
पहले चरण में आस पास के ग्रामीणों को मिलेगी दर्शन की अनुमति
प्रशासन ने चारधाम यात्रा चरण बद्ध तरीके से शुरू करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। मंडलायुक्त रविनाथ रमन यात्रा तैयारियों को लेकर शनिवार को गंगोत्री में थे, रविवार को उन्हें यमुनोत्री जाना है। रमन ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड ने यात्रा चरणबद्ध तरीके से शुरू करने का प्रस्ताव भेजा है। पहले चरण में मंदिर के आस पास के गांवों वालों को धामों तक पहुंचने की अनुमति मिल सकती है। दूसरे चरण में जिला और फिर तीसरे चरण में राज्यवासियों को कोविड प्रोटोकॉल के तहत यात्रा की अनुमति मिल सकती है। रमन के अनुसार फिलहाल देशभर के यात्रियों के लिए यात्रा शुरू करने की संभावनाएं कम है। सबकुछ ठीक रहा तो बाहर के यात्री सितंबर तक ही यात्रा पर आ सकेंगे। उन्होंने बताया कि प्रशासन सभी धामों में तीर्थ पुरोहितों, होटल, कारोबारियों को टीका लगवा चुका है, अब धामों में बारामासी रहने वाले साधुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। यात्रा शुरू करने पर पर तीर्थ पुरोहितों में भी आम सहमति है।