कोरोना के नए स्वरूप से प्रभावित होने वाले लोगों में ठीक होने के बाद भी कई परेशानियां सामने आ रही हैं। इनमें एक आम परेशानी है फेफड़ों में सिकुड़न पैदा हो जाना। इसे डॉक्टरी भाषा में फाइब्रोसिस कहते हैं। इसकी वजह से ठीक हुए मरीजों को सांस लेने में परेशानी महसूस होती है। कई बार तो उन्हें ऑक्सीजन देने तक की नौबत आ जाती है। इस तरह के मामले अब बड़े पैमाने पर सामने आ रहे हैं। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि कोविड की निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद हम अपने शरीर में आ रहे बदलावों पर गौर करें। इसके अलावा जो बुजुर्ग कोविड से हाल फिलहाल में ठीक हुए हैं उनसे लक्षणों के बारे में बातचीत करते रहें, जितनी जल्दी इसका पता चलेगा उतनी जल्दी यह काबू में आएगा।
5 लक्षणों पर गौर करें
1 सांस लेने में परेशानी
2 बहुत थकान महसूस होना
3 ऑक्सीजन लेवल में काफी उतार-चढ़ाव
4 कुछ दूर चलने पर सांस फूल जाना
5 सूखी खांसी
क्या है ये बीमारी
पोस्ट कोविड पल्मोनरी फाइब्रोसिस तब होता है जब कोविड संक्रमण के कारण फेफड़ों के नाजुक हिस्सों को नुकसान पहुंचता है और उनमें झिल्ली बन जाती है। इससे फेफड़ों की कार्यक्षमता घट जाती है। जाहिर सी बात है कि जब इनकी कार्यक्षमता घटेगी तो शरीर में ऑक्सीजन और कार्बन-डाइऑक्साइड का संतुलन गड़बड़ाने लगेगा। इसे अगर समय रहते ठीक नहीं किया गया तो जीवनभर का रोग बन सकता है।
किनको ज्यादा खतरा
अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफॉर्मेशन के मुताबिक, जो मरीज मोटापा, फेफड़ों की बीमारी, डायबिटीज इत्यादि से पीड़ित रहे हों उनको पल्मोनरी फाइब्रोसिस का खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा लंबे समय तक वेंटिलेटर पर रह चुके लोगों में इसका खतरा होता है। ज्यादातर यह समस्या 60 साल से अधिक आयु के मरीजों में देखने को मिलती है, लेकिन युवा मरीज भी इसके शिकार हो सकते हैं।
तुरंत डॉक्टर से मिलें
कोविड से उबर चुके वो लोग जिनको थोड़ा बहुत चलने पर भी थकान हो जाती हो या सांस फूलने लगती हो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर खांसत या छींकते समय छाती में दर्द होता है तो भी हो सकता है कि आप पल्मोनरी फाइब्रोसिस के शिकार हुए हैं। बेहतर होगा आप किसी पोस्ट कोविड सेंटर में जाकर अपनी जांच करवाएं। सीटी स्कैन के जरिए यह पता लगाया जा सकता है कि आपके फेफड़ों को कितना नुकसान पहुंचा है और उसी हिसाब से इलाज किया जाता है।
कसरत करती है मदद
फेफड़ों की कसरत हमेशा मदद करती है। कोविड संक्रमण के दौरान भी मरीजों को फेफड़ों की कसरत अथवा योग करने की सलाह दी जाती है। योग में अनुलोम-विलोम और गहरी सांसे लेने-छोड़ने व उदर श्वसन (स्टमक ब्रीदिंग) से फेफड़ों की क्षमता में इजाफा होता है। इसके अलावा गुब्बारे फुलाने की सरल सी कसरत भी फेफड़ों को ताकतवर बनाती है।